दुष्कर्म मामले में पुलिसकर्मी को 12 साल का कारावास

Youth India Times
By -
0

जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश काशी प्रसाद सिंह ने बर्खास्त पुलिसकर्मी को 12 साल की सजा सुनाई है। 43 पन्ने का फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने पुलिसकर्मी को दुष्कर्म के मामले में दोषी माना है। दोस्त की 15 वर्षीय बेटी का स्कूल जाते समय अपहरण, दुष्कर्म करने और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर 3 वर्ष तक यौन शोषण करने के आरोप में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। बर्खास्त पुलिसकर्मी पर 51 हज़ार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। 7 सितंबर 2014 को पीड़िता ने महिला थाने में अपहरण और दुष्कर्म की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि पुलिस अधीक्षक ऑफिस में तैनात रहे सिपाही राजेश बहादुर सिंह ने हाई स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा के साथ दुष्कर्म किया था। 24 फरवरी 2011 को छात्रा स्कूल जा रही थी। आरोपी और पीड़िता के परिवार के बीच घनिष्ठ संबंध थे। जिसका फायदा उठाते हुए बाइक पर बैठाकर वो नाश्ता कराने के लिए होटल ले गया। आरोप था कि पुलिसकर्मी ने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया। इसके बाद पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं बल्कि आरोपी द्वारा इसका वीडियो भी बनाया गया। लड़की के होश में आने पर पुलिसकर्मी ने धमकी दी। किसी को बताने पर उसने वीडियो वायरल करने की बात कही। धमकी देकर लगभग 3 साल तक पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया। कई बार पीड़िता गर्भवती भी हुई। लेकिन आरोपी द्वारा उसका गर्भपात करा दिया गया। आजिज आकर पीड़िता ने इस मामले एफआईआर दर्ज कराई। इस मामले में पीड़िता का मेडिकल और मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दर्ज किया गया। पुलिस सिपाही राजेश बहादुर सिंह और पीड़िता के परिवार के बीच घनिष्ठ संबंध थे। वर्ष 2006 से दोनों दोस्त थे। पीड़िता के परिवार के लोग पुलिसकर्मी को मानते थे। पुलिसकर्मी भी पीड़िता को बेटी बोलता था। उस वक्त आरोपी की कोई बेटी नहीं थी। परिवार को पुलिसकर्मी पर पूरा भरोसा था। 27 मई 2016 को इस मामले में आरोप तय हुआ। सरकारी अधिवक्ता राजेश उपाध्याय द्वारा गवाहों को परीक्षित भी कराया गया। कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्ष की दलील सुनी। इस मामले में 43 पन्ने का फैसला सुनाया गया। कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए दंडित किया है। 12 वर्ष की सजा के साथ कोर्ट ने 51000 का अर्थदंड लगाया है। कोर्ट ने महिलाओं के विरुद्ध इस अपराध को जघन्य श्रेणी का माना है

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)