आजमगढ़: जिद्दी भक्तों ने कर डाला शिवमंदिर का जिर्णाेद्धार

Youth India Times
By -
0



शहर के मातबरगंज में गंदगी के बीच जर्जर मंदिर में विराजमान थे देवाधिदेव
भारद ने लिया संकल्प जनसहयोग से करेंगे कायाकल्प
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। महाकवि दुष्यंत की कालजयी रचनाओं में शुमार कि श्कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारोंश् यह पंक्ति शहर के कुछ आस्थावान युवाओं ने चरितार्थ कर दिखाया। इस पुनीत कार्य में समाजसेवी संगठन भारत रक्षा दल ने पहल किया और शहर के मातबरगंज स्थित लालडिग्गी बंधे पर गंदगी के फैले साम्राज्य के बीच विराजमान देवाधिदेव भगवान शंकर के मंदिर का जिर्णाेद्धार शिवरात्रि के पावन पर्व पर देखते ही देखते शिवालय जगमगा उठा।
इस मंदिर का महात्म्य बताने से पूर्व आपको बताते चलें कि राजा आजमशाह द्वारा बसाए गए इस शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली पतित पावनी तमसा नदी कभी मातबरगंज इलाके से होकर गुजरती थी। तमसा नदी के किनारे हनुमानगढ़ी विट्ठल घाट गुरु घाट रामघाट जैसे कई स्थान नदी तट पर स्थित है जहां कई पौराणिक मंदिर का आज भी मौजूद हैं इनमें तमाम मंदिर आज जन मानस की उदासीनता के चलते जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं कालांतर में नदी ने अपनी धारा बदल दी और इस रास्ते से गुजरने वाली नदी ने नाले का रूप धारण कर लिया। तमसा नदी के किनारे बसी आबादी को बचाने के लिए 19वीं सदी के पांचवें दशक में सुरक्षा बांध बनाया गया और इसके बाद इस निर्जन इलाके में गंदगी का साम्राज्य फैल गया। मातबरगंज में स्थित रामघाट पर स्थित गणेश मंदिर का पुनर्निर्माण तो हो गया लेकिन इससे सटे अभी भी कई मंदिर आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। सुरक्षा बांध पर बने बाईपास मार्ग से सटे शिव का मंदिर झाड़ियों के बीच स्थित था और सुनसान क्षेत्र में होने के कारण यहां नशेड़ियों ने कब्जा जमा लिया था। इस मंदिर की दुर्दशा देख मातबरगंज के कुछ युवाओं ने मंदिर के पुनरोद्धार का मन बनाया और भारत रक्षा दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने इसकी पहल शुरू कर दी। संगठन के साथ मोहल्ले के कुछ स्थानीय युवकों की मदद से सर्वप्रथम झाड़ियों को हटाकर वहां साफ- सफाई का कार्य प्रारंभ किया गया। शिवरात्रि से पूर्व इस मंदिर के जीर्णाेद्धार का बीड़ा उठाए लोगों ने अथक मेहनत कर उस स्थान को रमणीक बना दिया। मंदिर के बगल से गुजर रहे नाले के कारण अभी वहां बहुत कार्य होना बाकी है लेकिन शिवरात्रि के अवसर पर यहां के युवाओं के प्रयास से देवाधिदेव मंदिर जगमगा उठा। शिवरात्रि के दिन इलाके के तमाम आस्थावान लोगों ने मंदिर में विराजमान शिवलिंग पर जल एवं दूध से अभिषेक कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी। मंदिर के आसपास की गई विद्युत सजावट के साथ ही शिव भक्ति के गीतों की गूंज लोगों के मानस पटल पर छा गई। उस रास्ते से गुजर रहे तमाम राहगीर अचानक प्रकट हुए इस मंदिर की आभा देख हैरान रहे। दोपहर में युवाओं ने हलवे का भोग भगवान शिव को अर्पित कर श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण का कार्य कराया। सूर्यास्त के समय उत्साही युवाओं ने पूरे मनोयोग से भगवान शिव का श्रृंगार कर हर्ष और उल्लास के माहौल में शिवरात्रि पर्व मनाया। युवाओं का उत्साह देख हर किसी के मुख से हर-हर महादेव का उच्चारण बरबस मुंह से निकलने लगा। शिवमंदिर के जीर्णाेद्धार कार्य में मातबरगंज निवासी पवन मिश्रा, लालबहादुर चौधरी, मनोज सोनकर, मोनू चौरसिया, रामू वर्मा, आनंद सोनकर, सोनू चौरसिया, वर्षम सिंह के साथ ही भारत रक्षा दल के प्रदीप सिंह, सतीश शाक्य, हरिकेश विक्रम, सुनील वर्मा, धनंजय अस्थाना, दुर्गेश श्रीवास्तव, सोनू मिश्रा, जावेद, रवि विश्वकर्मा, राजन श्रीवास्तव, रविप्रकाश, महेंद्र चौहान आदि की भूमिका सराहनीय रही। जीर्णाेद्धार कार्य से जुड़े लोगों का कहना है कि शीघ्र ही जनसहयोग से इस मंदिर एवं आसपास के इलाके का कायाकल्प कर दिया जाएगा।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)