यूक्रेन में गोली लगने से भारतीय छात्र की मौत

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कीव। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का सीधा असर भारत पर भी दिखने लगा है। यूक्रेन में छिड़ी जंग में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई है। मृतक छात्र की पहचान कर्नाटक के रहने वाले नवीन के तौर पर हुई है। नवीन के दोस्तों का कहना है कि यह घटना तब हुई, जब वे ट्रेन पकड़ने के लिए रेलवे स्टेशन जा रहे थे ताकि वह पश्चिमी सीमा पर पहुंच सकें। अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि किसकी ओर से किए गए हमले में नवीन की मौत हुई है। भारतीय छात्रों की ओर से दूतावास से मदद की गुहार लगाई गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की ओर से भी छात्र की मौत की पुष्टि की गई है। अरिंदम ने ट्वीट कर कहा, हम बेहद दुख के साथ इस बात की पुष्टि करते हैं कि एक भारतीय छात्र को खारकीव में आज सुबह गोलीबारी में अपनी जान गंवानी पड़ी है। मंत्रालय मृतक छात्र के परिवार के संपर्क में है।
मंत्रालय ने कहा कि इस दुखद घटना को लेकर हम परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और सहानुभूति रखते हैं। यही नहीं उन्होंने कहा कि विदेश सचिव की ओर से रूस और यूक्रेन के राजदूतों को समन जारी किया गया है। दोनों देशों से मांग की गई है कि भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी की व्यवस्था की जाए। खारकीव और अन्य शहरों में अब भी कुछ भारतीय छात्र फंसे हुए हैं और उन्हें निकालने के लिए सरकार की ओर से प्रयास तेज कर दिए गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से आज वायुसेना को भी ऑपरेशन गंगा में शामिल होने का आदेश दिया गया है। इंडियन एयरफोर्स के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान यूक्रेन में फंसे भारतीयों की निकासी के काम में लगेंगे।
यूक्रेन में 20,000 के करीब भारतीय रहते हैं। इनमें से ज्यादा लोग छात्र हैं, जो मेडिकल एवं अन्य कोर्स की पढ़ाई के लिए यूक्रेन में रह रहे थे। यूक्रेन और रूस में जंग के बाद से अब तक करीब 10,000 भारतीय स्वदेश लौट चुके हैं। इनमें से 8,000 लोग खुद से वापस लौटे हैं, जबकि 1,500 लोगों को भारत सरकार के प्रयासों से लाया गया है। इस बीच विदेश मंत्रालय की ओर से यूक्रेन की राजधानी कीव में रह रहे भारतीयों को एक बार फिर से चेतावनी जारी गई है। यूक्रेन स्थित दूतावास ने भारतीयों को एडवाइजरी जारी की है कि वे तत्काल कीव छोड़ दें और किसी भी साधन से बाहर निकलें। दरअसल यूक्रेन की राजधानी कीव को रूस की सेना ने घेर लिया है। 64 किलोमीटर लंबा रूसी सेना का काफिला राजधानी के बाहर डटा हुआ है। कहा जा रहा है कि किसी भी वक्त रूस की ओर से कीव पर अब बड़ा हमला किया जा सकता है। ऐसे में कीव को छोड़ना ही लोगों के लिए बेहतर माना जा रहा है।

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