आजमगढ़ : गरीब बेटियों के हाथ पीले करने में हर बाधा होगी दूर-प्रयास

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रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह 'लल्ला'
आजमगढ़। माना कि गुलशन को गुलजार ना कर सके हम, कुछ खार कम जरूर हुए गुजरे जिधर से हम इस प्रेरक वाक्य को आत्मसात करते हुए गरीब व मजलूमों के साथ ही बेजुबान पशुओं की देखभाल का जिम्मा संभाल रहे सामाजिक संगठन प्रयास की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। अब तक 31 गरीब परिवारों में जन्मी बेटियों के हाथ पीले करने में इस संगठन का प्रयास वाकई काबिलेतारीफ है। अपने छोटे प्रयास से यह समाजसेवी संगठन तमाम लोगों के जीवन में खुशियां लाने का प्रयास निरन्तर कर रहा है। इसी कड़ी में बसंतपंचमी के दिन संगठन के सदस्यों ने आर्थिक रूप से बेहद कमजोर बुजुर्ग बाढ़ू सोनकर जिनके दरवाजे आगामी 11फरवरी को बेटी की बारात आनी है और गरीबी के चलते उस वृद्ध पिता के आंखों की नींद उड़ चुकी थी उसके दरवाजे पर दहेज का सामान लेकर पहुंचे अजनबी युवाओं की टोली देख बाढ़ू सोनकर की आंखों से खुशी के आंसू झरझर बहने लगे। बेटी के हाथ पीले करने में सहयोग करते हुए प्रयास संगठन के कार्यकर्ताओं ने उन्हें पांच साड़ी, दुशाला, आयरन प्रेस, फूल का बर्तन सेट, श्रृंगार सामग्री व मिष्ठान के साथ ही आर्थिक सहयोग करते हुए आगे भी मदद का भरोसा दिलाया। गरीब पिता बाढ़ू सोनकर ने संगठन के साथियों को धन्यवाद दिया। इस संबंध में संगठन द्वारा बताया गया कि अब तक कुल 31 बेटियों की शादियों में उनके द्वारा मदद पहुंचाई गई है। इस अवसर पर संगठन के रंजीत सिंह, वीरेंद्र पाठक,राजीव कुमार शर्मा,शंभूदयाल सोनकर,महिमा तिवारी सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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