टिकट कटने के बाद भाजपा में बगावत

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विधायक ने निर्दलीय नामांकन करने की किया घोषणा
बलिया। भाजपा की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बलिया जिले में सियासी पारा चढ़ गया है। भाजपा ने बलिया की सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए। सबसे आश्चर्यजनक रहा जिले के फायरब्रांड नेता एवं विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह का टिकट कटना। अब बैरिया विधानसभा से राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला किस्मत आजमाएंगे। बैरिया से विधायक सुरेंद्र सिंह पहले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि वह आठ फरवरी को निर्दलीय नामांकन करेंगे। सुरेंद्र सिंह का टिकट कटना बड़ी घटना मानी जा रही है। कुछ दिनों पहले तक पार्टी की ओर से कराए गए आंतरिक सर्वे में विधायक सुरेंद्र सिंह की सीट ही सुरक्षित दिखाई जा रही थी।
अब उनका टिकट कटने से कई तरीके की चर्चाओं ने जन्म ले लिया है। बैरिया से मंत्री आनंद को टिकट मिलने के बाद सोशल मीडिया पर आवाजें उठनी शुरू हो गई है। लोग इस सीट से सुरेंद्र सिंह को ही चुनाव लड़ने की अपील कर रहे हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो बागी बलिया में एक बार फिर से सियासी बगावत के स्वर ऊंचे हो रहे हैं। न सिर्फ बैरिया सीट बल्कि बलिया नगर सीट पर भी इसी तरह की स्थिति है। बलिया नगर सीट नागेंद्र पांडेय ने भी निर्दलीय नामांकन करने की घोषणा की है। बलिया नगर सीट पर दयाशंकर सिंह के आने से भी राजनीतिक हलचल तेज हो चली है। बैरिया और बलिया नगर में अब सपा कौन सा दांव चलेगी, इस पर सभी की नजर टिकी है। भाजपा ने रविवार देर रात घोषित 45 प्रत्याशियों की सूची में 9 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं, जबकि 21 मौजूदा मंत्रियों व विधायकों को दोबारा मौका दिया है। भाजपा ने प्रत्याशी चयन में जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा है। बलिया से भदोही तक के टिकट चयन में ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार, पिछड़ी जाति के साथ दलित प्रत्याशियों का ख्याल रखा गया है। 45 सीटों पर सात महिला प्रत्याशी हैं। बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर और वाराणसी की तीन सुरक्षित सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। इसके अलावा पिछड़ी जाति के सात, छह ब्राह्मण, दो भूमिहार, तीन राजपूत और एक कायस्थ को मौका दिया गया है

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