आजमगढ़: मण्डलायुक्त ने 7 कर्मचारियों का रोका वेतन

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विकास भवन में औचक निरीक्षण के दौरान मिले अनुपस्थित
आज़मगढ़ 27 जनवरी। मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त ने कार्यालयों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की समय से उपस्थिति तथा कार्यों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित कराने हेतु वृहस्पतिवार को विकास भवन स्थित कतिपय कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में जहॉं डीपीआरओ कार्यालय में कुल 7 कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये तथा वहीं जिला विकास अधिकारी कार्यालय में कई अनुशासनिक कार्यवाही काफी लम्बे समय से लम्बित पाई गयी। मण्डलायुक्त ने इस स्थिति पर असन्तोष व्यक्त करते हुए अनुपस्थित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन बाधित करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि सम्बन्धित कर्मचारियों से उनकी अनुपस्थिति के समबन्ध में स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुए अपनी स्पष्ट संस्तुति के साथ उपलब्ध करायें। उन्होंने आगाह किया कि स्पष्टीकरण सन्तोषजनक पाये जाने पर ही बाधित वेतन को आहरित किये जाने की अनुमति दी जायेगी। ज्ञातव्य हो कि डीपीआरओ कार्यालय में एक तृतीय श्रेणी कर्मचारी तथा 6 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अनुपस्थित थे।
मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त द्वारा जिला विकास अधिकारी कार्यालय के निरीक्षण दौरान दो कर्मचारियों को आकस्मिक अवकाश पर होना बताया गया, परन्तु उपस्थिति पंजिका में सीएल अंकन नहीं पाये जाने पर दोषी कर्मचारी का उत्तरदायित्व निर्धारित नियमानुसार अग्रेतर कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया। मण्डलायुक्त द्वारा कार्मिकों के विरुद्ध संस्थित अनुशासनिक कार्यवाही से सम्बन्धित पत्रावलियों के अवलोकन में पाया गया कि ग्राम विकास अधिकारी अभिमन्यू यादव को अनियमितताओं के कारण अगस्त 2021 में निलम्बित किया गया है तथा लगभग एक माह बाद आरोप पत्र का गठन किया गया है, परन्तु पत्रावली के अवलोकन से सम्बन्धित अधिकारी को आरोप पत्र प्राप्त कराने अथवा प्राप्त नहीं कराने की पुष्टि नहीं हो पाई। इसके अतिरिक्त इस प्रकरण में मान्नीय उच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देश के बावजूद उक्त अनुशासनिक कार्यवाही पूर्ण नहीं हुई है तथा सम्बन्धित पटल सहायक द्वारा पत्रावली को अग्रेतर कार्यवाही हेतु उच्चाधिकारियों को प्रस्तुत भी नहीं की गयी है। इसी प्रकार ग्राम विकास अधिकारी विनोद कुमार द्वारा की गयी अनियमितता के कारण उन्हें आरोप पत्र दिया गया है, परन्तु अनुशासनिक कार्यवाही लम्बित है। एक अन्य ग्राम विकास अधिकारी अभिनव राय के विरुद्ध भी मनरेगा योजनान्तर्गत बरती गयी अनियमितताओं एवं कार्यक्षेत्र से पलायित रहने के सम्बन्ध में टीएसी की जॉंच में दोषी मिलने पर एक वर्ष पूर्व आरोप पत्र निर्गत किया गया है, परन्तु सम्बन्धित ग्राम विकास अधिकारी को आरोप पत्र प्राप्त कराये जाने की पुष्टि करने सम्बन्धी कोई अभिलेख पत्रावली पर उपलब्ध नहीं मिला। जबकि ग्राम विकास अधिकारी कंचन वर्मा तथा वीरेन्द्र सोनकर के विरुद्ध भी संस्थित अनुशासनिक कार्यवाही में अत्यधिक समय व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी अपेक्षित कार्यवाही नहीं की गयी है, जिससे कार्यवाही लम्बित है। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने उक्त कार्यालय में कुल पॉंच अनुशासनिक कार्यवाहियॉ काफी अधिक समय से लम्बित पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त किया तथा मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि इसके लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उनके विरुद्ध कार्यवाही करें तथा कृत कार्यवाही से अवगत भी करायें।

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