आज़मगढ़ : स्वास्थ्य विभाग का अल्टीमेटम कहीं लापरवाही भारी न पड़ जाए

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ओमिक्रान वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता पर दिया जोर
आजमगढ़। कोरोना के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ को लेकर जिले में सजगता बेहद जरूरी हो गई है। ऐसा न हो कि लापरवाही भारी पड़ जाए। स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता पर जोर दिया है। लोगों से मास्क पहनने और दो गज की दूरी का पालन करने में कोताही न बरतने को कहा है। कहा है कि खुद भी जागरूक हों और लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। जनपद में भले ही कोरोना मरीजों की संख्या स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार शून्य है लेकिन नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा आने वाले समय में कम नहीं है। स्वास्थ्य विभाग जांच की रफ्तार को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। जनपद में विदेश से आने वाले लोगों का स्वास्थ्य विभाग अभी तक सत्यापन नहीं कर सका है। जबकि उसके पास 597 लोगों के विदेश से जनपद में आने की सूचना है। टीकाकरण का कार्य काफी तेजी से किया जा रहा है। टीकाकरण के मामले में जनपद उप्र में नौवें स्थान पर है। अब तक 87.5 प्रतिशत लोग प्रथम डोज ले चुके हैं। जिसमें कुल 31 लाख 36 हजार 629 लोगों को प्रथम डोज का टीका लग चुका है। लेकिन दूसरी डोज के मामले में जिला पीछे है। जनपद में अब तक मात्र 32.75 प्रतिशत यानि 12 लाख 62 हजार 565 लोगों को ही कोरोना टीकाकरण की द्वितीय डोज लग सकी है।
सीएमओ डॉ. आईएन तिवारी ने लोगों से जागरूक रहने और अन्य लोगों को भी कोविड गाइड लाइन का पालन करने की अपील की है। कहा कि नए वैरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है। बस जागरूकता और नियम का साथ न छोड़े। हम इससे भी पार पा जाएंगे। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उत्पन्न हुई आक्सीजन की किल्लत को देखते हुए शासन स्तर से आक्सीजन प्लांटों की स्थापना का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत आठ अस्पतालों में अब तक आक्सीजन प्लांट लग चुके हैं और उनसे उत्पादन भी शुरू हो चुका है। जिसमें दो मेडिकल कालेज, एक महिला अस्पताल, एक जिला अस्पताल, सीएचसी लाटघाट, सीएचसी लालगंज, 100 शैया अस्पताल अतरौलिया और 100 शैया अस्पताल तरवां में आक्सीजन प्लांट स्थापित हो चुके हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आईएन तिवारी ने बताया कि नए वैरिएंट को लेकर तैयारियां की जा रही है। अगर कोई मरीज सामने आता है तो अतरौलिया के 100 शैया अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया जाएगा। दवाएं भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। आक्सीजन प्लांट लगने के बाद जिला आक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर बना है। जरूरत है तो लोगों को जागरूक रहने की।

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