मैडम! हसबैंड कोई एटीएम नहीं, जब कार्ड डालो पैसे निकल आएं

Youth India Times
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जानें क्या है पूरा मामला
आगरा। हम हसबैंड कोई एटीएम नहीं है कि जब कार्ड डालो पैसे निकल आएं। मैं अपनी कमाई के हिसाब से ही घर चला पाऊंगा। एक पीड़ित पति कुछ इस तरह गुहार लगा रहा था। मामला आगरा के परिवार परामर्श केंद्र का है। कमलानगर निवासी दंपति का मामला पिछले छह महीने से चल रहा है। पति का आरोप है कि पत्नी अनाप शनाप खर्च करती है। वहीं पत्नी का आरोप है कि पति घर खर्च के अलावा किसी अन्य खर्चे को उठाने के लिए ही तैयार नहीं। पार्लर, कपड़े, किटी इन सबसे दूर हो गई हूं। मुझे घर खर्च के अलावा 20 हजार अलग से चाहिए। वहीं पति शिक्षा विभाग में नौकरी करता है। उसका कहना है मुझे बिल दिखा कर पैसे ले लिया करें। वहीं पत्नी का कहना है कि मैं ऐसा नही करूंगी। पति-पत्नी के ऐसे तमाम झगड़े परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचे।
रविवार को पुलिस लाइन में ऐसा लग रहा था कि जैसे जिला अस्पताल में लोग इलाज के लिए आए हैं। चारों तरफ पीड़िताओं की भीड़। बाहर परिसर में कहीं पति-पत्नी काउसंलिंग से पूर्व झगड़ते दिखाई दे रहे थे तो कहीं काउंसलिंग के बाद हो हल्ला मच रहा था। कई पक्षों में मारपीट होते-होते बची। काउंसलिंग के बाद कुल 13 एफआईआर दर्ज की गईं। इसके साथ ही 171 में से 19 समझौते हो पाए।
बच्चों को परिसर में छोड़कर ही चली गई
पति ने एक महीने बाद साथ ले जाने की कही तो बच्चों को परिसर में छोड़कर ही चली गई। इसके बाद दो महिला पुलिसकर्मी उस महिला के पीछे गेट तक भागीं। उसे पकड़कर लाईं। महिला का कहना था कि हर बार ऐसे ही मुझे घर वापस भेज दिया जाता है। यहां कोई न्याय नहीं मिलता। मैं इन बच्चों को कहां से पालूंगी। पति को समझाकर साथ ले जाने के लिए तैयार किया।
कमर सुल्ताना, प्रभारी परिवार परामर्श केंद्र कहते हैं कि परिवार परामर्श केंद्र में लगातार फाइलों की संख्या बढ़ती जा रही है। जो चिंतनीय है। लेकिन काउंसिलिंग के माध्यम से हर पीड़िता को न्याय मिल रहा है। सख्ती के साथ एफआईआर भी हो रही है। इसके साथ ही समझौते भी कराए जा रहे हैं।

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