विस उपाध्यक्ष चुनाव जीतकर भी टेंशन में भाजपा

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सपा को मिले 60 वोटों ने बढ़ाई चिंता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में दोनों ही दलों खासतौर पर समाजवादी पार्टी और भाजपा के कई विधायक इधर-उधर हुए हैं। जहां समाजवादी पार्टी का दावा है कि वह सत्तारुढ़ पार्टी के विधायकों में सेंध लगाने में कामयाब रही है। दूसरी ओर सत्तारुढ़ दल का कहना है कि सपा विपक्ष को एकजुट करने में नाकाम रही वर्ना उसके पास पूरे विपक्ष के 78 वोट होने चाहिए थे। वहीं कांग्रेस व बसपा के कुछ विधायकों के भाजपा और सपा में मतदान करने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
समाजवादी पार्टी को मिले 60 वोटों ने सत्तारुढ़ खेमे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। सवाल यह है कि भाजपा के कितने और किन विधायकों ने पार्टी व्हिप न मानते हुए समाजवादी प्रत्याशी को वोट दे दिया। यह सवाल भाजपा के कई विधायकों के टिकट कटने से जोड़ कर देखा जा रहा है। विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव में हुई क्रासवोटिंग से इंकार नहीं किया जा सकता। असल में दोनों खेमे के विधायक इधर-उधर हुए हैं।
अगर विधानसभा की गणित समझें तो तस्वीर कुछ हद तक साफ हो सकती है। इस चुनाव में सपा के नरेंद्र वर्मा 244 वोट से हार जरूर गए लेकिन सपा जिसके 49 विधायक थे, उसे 60 विधायकों का समर्थन मिल गया। इसमें कितने बसपा के बागी विधायक थे और कितने भाजपाई विधायकों ने सपा का साथ देना जरूरी समझा, यह अहम सवाल है। भाजपा के 304 और उसके सहयोगी अपना दल के 9 विधायक हैं। इसके अलावा उसे 3 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। कांग्रेस व बसपा के कुछ वोट भी भाजपा के पक्ष में जाने की बात आ रही है। इस तरह भाजपा को 316 से ज्यादा वोट मिलना चाहिए थे लेकिन उसे 304 वोट ही मिले।
इसके अलावा इस चुनाव में 28 विधायक गैरहाजिर रहे। इसको लेकर भी सवाल हैं। असल क्रास वोटिंग भाजपा प्रत्याशी व सपा प्रत्याशी दोनों के लिए हुई है लेकिन सपा के बढ़े वोटों में कितने भाजपा के हैं, यह कहना अभी मुश्किल होगा।
सपा के तीन बार के विधायक नितिन अग्रवाल तो भाजपा के साथ रहना ही था। सपा विधायक शिवपाल गैरहाजिर थे। सपा के अन्य हरिओम भी भाजपा के साथ हैं। इसके अलावा कांग्रेस के बागी राकेश सिंह व आदिति सिंह भी भाजपा के साथ आ गए। सीतापुर सदर के भाजपा विधायक राकेश राठौर भी सपा के साथ पहले ही आ चुके हैं। अपना दल के भी एक विधायक सपा के साथ हैं। सपा प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा ने कहा कि हम लोग तो वास्तव में 46 थे। हमें तो नतीजा पता था लेकिन हम लोग 60 हो गए और आपकी नीयत का पर्दाफाश भी कर दिया। दो दर्जन से ज्यादा विधायक वोट डालने नहीं आए।

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