आजमगढ़: जिले में धर्मांतरण के लिए सक्रिय हैं ईसाई मिशनरियां

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प्रेत बाधा से मुक्ति के नाम पर कराया जा रहा धर्म परिवर्तन
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बसने वाले गरीब एवं अशिक्षित लोगों को प्रेत बाधा से मुक्ति दिलाने तथा सुख समृद्धि का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने का काम जोरों पर चल रहा है। जिले में प्रार्थना सभा की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने के लिए ईसाई मिशनरियां पूरी तरह सक्रिय हैं। ताज्जुब तो यह कि लंबे समय से चल रहे इस धर्मांतरण खेल से राष्ट्रभक्ति का लबादा ओढ़े कथित संगठन इस बात से अनभिज्ञ नजर आते हैं।
जनपद के लगभग सभी तहसील क्षेत्रों में आयोजित होने वाली साप्ताहिक चंगाई प्रार्थना सभा की आड़ में हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करते हुए ईसाई धर्म के प्रचारक भोली-भाली जनता को प्रेतबाधा से मुक्ति दिलाने तथा परिवार में सुख-समृद्धि लाने का लालच देते हुए उनकी मनोस्थिति को बदलने में सफल होते दिख रहे हैं। नगर से लगायत ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह ईसाई धर्म की प्रार्थना सभाएं आयोजित की जा रही हैं। इन सभाओं में आमंत्रित किए गए पादरी (ईसाई धर्म के पुजारी) चंगाई के नाम पर लोगों को बरगलाते हुए ईसाई धर्म स्वीकार करने को मजबूर कर देते हैं। इतना ही नहीं उनके मायाजाल में फंसने वाले लोगों को ईसाई धर्म की पुस्तकें वितरित की जाती हैं। साथ ही उन्हें अपने घरों से देवी-देवताओं के चित्र और पुस्तकें आदि नष्ट करने की सलाह दी जाती है। इन कथित पादरियों के जाल में फंसे लोगों को पूजा-पाठ से दूर रहने के साथ ही प्रसाद तक ग्रहण करने की मनाही होती है। ईसाई मिशनरियोंयों के नजर में ग्रामीण क्षेत्रों की दलित बस्तियां ज्यादा मुफीद साबित होती हैं, जहां उनकी सक्रियता ज्यादा दिखती है। हाल ही में प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मपरिवर्तन कराए जाने या फिर भोली-भाली जनता को ईसाई धर्म के प्रति आकर्षित करने के लिए उन्हें बरगलाने के कई मामले सामने आए। बताते चलें कि विगत एक सितंबर को शहर से सटे सराय मंदराज (मुनरा सराय) गांव में प्रार्थना सभा के नाम पर जुटाई गई भीड़ की सूचना स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस से की गई। इस मामले में शहर कोतवाली पुलिस ने धर्म परिवर्तन कराने की फिराक में रहे पास्टर (ईसाई धर्म प्रचारक) रामचंद्र पुत्र पतिराज को पकड़ा था। पकड़ा गया कथित पादरी वाराणसी जनपद के कैंट थाना अंतर्गत बंधवा नाला हुकुलगंज इलाके का निवासी बताया गया। इस घटना के एक सप्ताह बाद सात सितंबर को सगड़ी तहसील क्षेत्र के मिश्रपुर लाटघाट गांव में ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी निवासी पास्टर राजू पुत्र बिरसा मांझी एवं उसके सहयोगी प्रदीप पुत्र आकाजी निवासी ग्राम अंडा खोर थाना बिलरियागंज को धर्मपरिवर्तन कराने के आरोप में धार्मिक पुस्तकों के साथ पकड़ा था। इन मामलों को देख कर जनपद में ईसाई मिशनरियों की सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। सप्ताह में प्रत्येक रविवार को जिले के ग्रामीण इलाकों में चंगाई प्रार्थना सभा की आड़ में धर्म परिवर्तन का खुला खेल चल रहा है। वहीं राष्ट्रसेवा के लिए खुद को समर्पित करने का दावा करने वाले कथित संगठन कुंभकर्णी निद्रा में लीन हैं। प्रशासन की स्थानीय खुफिया इकाई भी इस बात से अनभिज्ञ नजर आती है।

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