पहले पत्नी और दो बच्चों फिर किया दोस्त की हत्या

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अपने मकान की बेसमेंट में ही दफना दिया था शव
महिला सिपाही के इश्क में अंधे युवक को पुलिस ने किया गिरफ्तार
कासगंज। यूपी के अलीगढ़ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक युवक ने महिला सिपाही के प्यार में पढ़कर अपना ही घर-बार उजाड़ लिया। गंगीरी इलाके के गांव नौगंवा के रहने वाले युवक ने महिला सिपाही के इश्क में अपनी पत्नी और दो बच्चों को अपने नोएडा विशरख के चिपयाना स्थित मकान में हत्या कर दी। तीनों के शवों को घर के बेसमेंट में दफनाया और उसके ऊपर पक्का फर्स कर दिया।
ससुराल वालों को पत्नी बच्चों को गायब होने की सूचना दे दी, लेकिन ससुराल वालों ने शक पर होने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। इस मुकदमे से बचने और उल्टा ससुराल पर साजिश के तहत अपने कदकाठी जैसे दोस्त की कासगंज में लाकर हत्या कर दी। उसके क्षतविक्षत शव को अपने कपड़े पहनाकर अपना आईकार्ड जेब में डाल दिया। साजिश में शामिल पिता और भाई ने शव का शिनाख्त अपने बेटे के रूप में कर दी। हत्या का केस ससुराल वालों पर दर्ज करा दिया। इस मामले में पुलिस तह तक गई और डीएनए टेस्ट कराये तो डीएनए का मिलान नहीं होने पर चार हत्याओं की साजिश परत दर पर खुलकर सामने आ गई। पुलिस ने हत्याओं के मास्टरमाइंड युवक और उसकी प्रेमिका सिपाही समेत परिजनों को गिरफ्तार कर सनसनीखेज खुलासा किया है।
बेहद पेचीदा वारदात का गुरुवार को खुलासा करते हुए एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि, गांव कलुआ थाना मारहरा एटा निवासी मोती लाल ने अपनी बेटी रतनेश की शादी शादी वर्ष 2012 में राकेश पुत्र बनवारी लाल निवासी नौगंवा गंगीरी अलीगढ़ के साथ की थी। जबकि इस दौरान राकेश का गांव ही एक युवती रूबी के साथ प्रेमसंबंध चल रहे थे। शादी के बाद पति राकेश और पत्नी रतनेश ने शादीशुदा जिंदगी की शुरूआत की थी। इसके बाद उनके दो बच्चे हुए पुत्री अवनी उम्र 3 वर्ष एवं पुत्र अर्पित हुए। बच्चे होने के बाद राकेश द्वारा नोएडा में पंच विहार कॉलोनी थाना बिसरख में एक मकान खरीदा गया। उसी मकान में वह परिवार सहित निवास कर रहा था और स्वयं नोएडा में ही एक लेबोरेट्री में काम कर रहा था।
शादीशुदा होने के बाद भी राकेश के रूबी से प्रेम प्रसंग बादस्तूर बने रहे तथा वह अपनी पत्नी को रास्ते से हटाकर रूबी के साथ शादी करने की योजना बना रहा था। इस योजना में उसकी प्रेमिका रूबी, पिता बनवारी लाल, भाई राजीव कुमार व प्रवेश एवं मां इन्द्रवती ने पूरा सहयोग किया। योजना के तहत ही 14 फरवरी 2018 को राकेश ने पत्नी रतनेश एवं दोनों बच्चों अवनी व अर्पित को मकान के बेसमेन्ट में बुलाकर लोहे की रॉड (सब्बल) से प्रहार कर तीनों की हत्या कर उनके शवों को उसी मकान के बेसमेन्ट में दफन कर ऊपर से सीमेन्ट का पक्का फर्श बनवा दिया।
योजना के तहत ही राकेश ने अपने ससुर मोती लाल को नोएडा बुलाकर सूचना दी कि, उसकी पत्नी रत्नेश बच्चों के साथ गायब है। इस पर रत्नेश के पिता मोतीलाल द्वारा थाना बिसरख जनपद नोएडा पर पहले गुमशुदा होने की सूचना दी। फिर धारा 364,498 ए,504,506 भादवि के तहत दामाद राकेश, ससुर बनबारी लाल समेत परिजनों के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस के मुताबिक इस मामले में राकेश को थाना बिसरख पुलिस द्वारा कईं बार पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन उसने कोई भी जानकारी होने से इंकार किया था।
एसपी ने बताया कि, पुलिस एवं अन्य कार्यवाही से बचने के लिए आरोपी राके श ने अपने परिवार के लोगों से मिलकर साजिश रचकर अपने ही गांव के अपने जैसे शरीर की बनावट के अपने मित्र राजेन्द्र उर्फ कलुआ पुत्र दिलीप सिंह को रिश्तेदारी में चलने के बहाने से मोटर साइकिल पर ले जाकर रास्ते में पहले शराब पिलाई गई। इसके बाद कासगंज के थाना ढोलना क्षेत्र ग्राम मारुपुर के जंगल में रेलवे लाइन के पास पहले से ही मोटर साइकिल में छिपाये गये गंडासे को निकालकर उसकी हत्या कर दी गई तथा पहचान छिपाने के लिए उसके सिर, हाथों के पंजे काटकर साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से नष्ट कर दिये गये। शव को अपने कपडे़ पहनाकर तथा अपना पहचान पत्र भी उसके पास फेंकदिया। अपनी हत्या का षडयन्त्र रचते हुए अपने भाई राजीव कुमार के माध्यम से शव की पहचान राकेश (स्वयं) के रूप में करा दी। इसके बाद भाई राजीश के ही माध्यम से थाना ढोलना पर अपनी हत्या का मुकदमा राकेश के ससुर मोतीलाल एवं साले जितेन्द्र एवं रवि के विरुद्ध पंजीकृत कराया गया।
अपनी योजना के मुताबिक राके श द्वारा अपने को छिपाते हुए दिलीप शर्मा पुत्र सुभाष शर्मा निवासी कुक्कन पटटी जनपद कुशीनगर नाम का आधार कार्ड बनवाया तथा स्वयं पानीपत हरियाणा में मछरौली नामक गांव में पहले मजदूर एवं बाद में राजमिस्त्री बनकर कार्य करने लगा और स्थायी रूप से वहीं पर रहने लगा।
इधर राकेश की हत्या के केस में फंसे ससुर मोती लाल व उसके बेटों ने पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर मामले की गहनता से जांच कराने के लिए जानकारी देना शुरू किया। पुलिस ने भी तह तक जाना शुरू किया और राकेश के नाम के मिले शव के विसरा रक्त और राकेश के पिता बनवारी लाल और राकेश के दोस्त कलुआ के पिता के रक्त के नमूने विधि विज्ञान प्रयोगशाला भिजवाया। जिसकी रिपोर्ट आई तो राकेश केनाम के मिले शव और उसके पिता बनबारी लाल का डीएनए का मिलान नहीं हुआ। जबकि कलुआ और उसके पिता का डीएनए मिलान होने पर पुलिस को पूरी साजिश समझ में आ गई। जिस पर घेराबंदी करके पुलिस ने पिता बनबारी लाल और उसके बाद उसके बेटे राकेश को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो चौंकाने वाले दबे राज खुलकर सामने आते चले गये।
पुलिस ने बताया कि, इस दौरान भी अपनी राकेश अपनी प्रेमिका रूबी के लगातार सम्पर्क में बना रहा, जिससे मिलने के लिए ही राकेश एक सितंबर को जनपद कासगंज से होकर गंगीरी जा रहा था। इसी बीच मुखबिर की सूचना पर कासगंज पुलिस द्वारा गढी तिराहे के पास गिरफ्तारी की गई। एसपी ने बताया कि, थाना ढोलना पुलिस एवं एसओजी, सर्विलांस टीम द्वारा आरोपी को साथ लेकर उसकी निशानदेही पर मित्र राजेन्द्र उर्फ कलुआ की हत्या में प्रयुक्त गंडासा मारूपुर के जंगलों से बरामद किया गया। इसके बाद थाना बिसरख जनपद नोएडा से समन्वय स्थापित किया गया और आरोपी राकेश की पत्नी एवं बच्चों के शवों की बरामदगी के लिए नोएडा से एक मजिस्टे्रट की नियुक्ति कराकर उनके समक्ष बेसमेन्ट को खुदवाकर उनके कंकालों एवं हत्या में प्रयुक्त लोहे की रॉड को बरामद किया गया। इस मामले में पुलिस ने हत्याओं की वारदात के मुख्य आरोपी राकेश, उसके भाई राजीव, प्रवेश, पिता बनवारी लाल, मां इन्द्रवती और प्रेमिका रूबी को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किये गये आरोपियों को पुलिस ने न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।

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