भीतरघातियों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में अखिलेश

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जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में मिली हार पर गंभीर, जिलाध्यक्षों को लिखी चिट्ठी
लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने अपेक्षाकृत ज्यादा संख्या में जिला पंचायत सदस्य होने के बाद भी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में करारी हार मिलने को काफी गंभीरता से लिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कारणों पर जिला अध्यक्षों व प्रमुख पदाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने सभी वर्तमान व निर्वतमान जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष व जिला महासचिव को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में आपके जिले में पराजय के क्या कारण रहे, जिससे सपा व गठबंधन के प्रत्याशी की पराजय हुई। इस संबंध में अपनी स्पष्ट रिपोर्ट सात जुलाई तक अनिवार्य रूप से पार्टी मुख्यालय में पेश की जाए।
माना जा रहा है कि सपा अब भितरघातियों को चिन्हित करेगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यही नहीं रिपोर्ट आने के बाद कई जिलों में हार की वजह बने पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। पार्टी अब समीक्षा कर रही है कि चुनाव प्रबंधन में कहां कमी रह गई। सपा को असल में दो बार करारा झटका लगा। पहले तो उसके प्रत्याशी डांवाडोल हो गए और भाजपा खेमे में चले गए। इस कारण 21 सीटों पर भाजपा निर्विरोध जीत गई। बाकी सीटों पर जब वोट पड़े तो सपा के पंचायत सदस्य भाजपा को वोट दे दिए। अब यह स्थिति कैसे हुई किन जिलों में कौन-कौन पदाधिकारी जिम्मेदार हैं, इसकी पड़ताल शुरू हो गई है।
यह भी शिकायत मिल रही है कि कई पदाधिकारी शुरू से विरोधी खेमे के संपर्क में थे। असल में सपा अब विधानसभा चुनाव में टिकट बटने से पहले भितरघातियों को चिन्हित कर उन्हें बाहर करने की तैयारी में है ताकि संभावित नुकसान को रोका जा सके। सपा खेमे को इस बात का खास मलाल है कि सबसे ज्यादा पंचायत सदस्य जीतने के बावजूद छह जिलों को छोड़कर बाकी जगह उसकी हार हुई। चुनाव प्रबंधन व रणनीति में कहां कमी रही, पार्टी इस पर मंथन करेगी। सपा मुखिया जल्द पदाधिकारियों की बैठक भी करेंगे।

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