आजमगढ़: पुलिस की मदद से हड़ताल पर रहे एंबुलेंस चालकों से लिए गए वाहन

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देर रात कब्जे में लिए गए एंबुलेंसों को लाया गया पुलिस लाइन 
रोडवेज संविदा चालकों से एंबुलेंस संचालन की चल रही कवायद
-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। मरीजों की सुविधाओं के लिए जिले में मुहैया कराई गई एंबुलेंसों के चालकों द्वारा की गई हड़ताल से परेशान प्रशासन ने मंगलवार की रात हड़ताली चालकों से वाहनों को अपनी सुपुर्दगी में ले लिया। देर रात जिले में तैनात एंबुलेंसों को पुलिस लाइन परिसर लाया गया। अब प्रशासन इन एंबुलेंसों को रोडवेज संविदा चालकों की मदद से संचालन कराने की कवायद में जुट गया है।
बताते हैं कि तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल योजना के तहत जनपद में कुल 105 सरकारी एंबुलेंस मुहैया कराई गई थी। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए 52 एंबुलेंस को हेल्पलाइन नंबर 102, 51 एंबुलेंस हेल्पलाइन नंबर 108 तथा एडवांस लाइफ सपोर्ट संसाधन से युक्त दो एंबुलेंस जनपद के स्वास्थ्य महकमे को उपलब्ध कराई गई थीं। पूरे प्रदेश में वाहनों के संचालन हेतु चालकों की व्यवस्था के लिए एक निजी कंपनी से अनुबंध किया गया था। समयावधि पूर्ण होने पर सरकार ने निजी कंपनी से अपना अनुबंध समाप्त कर लिया। जिसके चलते पूरे प्रदेश में सैकड़ों एंबुलेंस चालकों के समक्ष फांकाकशी की नौबत आ गई। इस कार्रवाई से आक्रोशित एंबुलेंस चालक लगभग एक सप्ताह से हड़ताल पर चले गए, जिससे जनपद की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं। प्रशासन ने जिले की आठ तहसीलों पर एक-एक एंबुलेंस के संचालन की व्यवस्था बनाई गई जबकि 97 एंबुलेंस के पहिए थम गए थे। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन स्तर पर हड़ताली चालकों को हड़ताल वापस लिए जाने का दबाव बनाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को सौंपी गई। मंगलवार की देर रात प्रशासनिक अधिकारी भारी संख्या में पुलिस बल के साथ हड़ताल पर रहे चालकों के पास पहुंचे। उन्होंने एंबुलेंसों को सरकारी होने की बात करते हुए चालकों से वाहनों को सुपुर्द करने का निर्देश दिया, देर रात सभी एंबुलेंस पुलिस लाइन परिसर में लाई गईं। एंबुलेंस चालकों की हड़ताल को देखते हुए जिला प्रशासन अब इन वाहनों के संचालन हेतु परिवहन विभाग में तैनात संविदा चालकों की सेवा लेने की कवायद में जुट गया है। बताते हैं कि कई एंबुलेंस संविदा चालकों की सुपुर्दगी में भी दे दी गई है। वहीं हड़ताल पर रहे एंबुलेंस चालक अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।

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