35 करोड़ के मालिक सिपाही के खिलाफ डीएम ने की कार्रवाई

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आर्म्स लाइसेंस किया सस्पेंड, स्पष्टीकरण के लिए 14 जुलाई तक का समय
कानपुर। कानपुर में तैनात करोड़पति सिपाही शिवेन्द्र सिंह सेंगर के रिवाल्वर का लाइसेंस डीएम ने सस्पेंड कर दिया है। उसे अपना स्पष्टीकरण देने के लिए 14 जुलाई तक का समय देते हुए नोटिस जारी किया गया है। स्पष्टीकरण यदि संतोषजनक नहीं रहा तो लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
लखनऊ मुख्यालय एसटीएफ में तैनात रेलबाजार निवासी सिपाही शिवेन्द्र सिंह सेंगर के खिलाफ सन 2019 में चकेरी थाने में धारा 447 (जबरन सम्पत्ति में घुसने के लिए दंड), 448 (गृह अतिचार) की धाराओं में दर्ज हुआ था। विवेचना के बाद सिपाही के खिलाफ मामले में 5 नवंबर 2019 चार्जशीट लगा दी गई थी। इसी चार्जशीट के आधार पर पूर्व चकेरी इंस्पेक्टर दधिबल तिवारी ने 31 मई 2021 आर्म्स लाइसेंस को निरस्त करने के लिए रिपोर्ट लगाई जिसमें लिखा गया कि शिवेन्द्र अपराधिक किस्म का है। वह लाइसेंस शस्त्र के बलबूते क्षेत्र में आए दिन जमीनों पर कब्जा करता है। इस कारण उसका शस्त्र लाइसेंस निरस्त किया जाना उचित है।
इंस्पेक्टर की इस रिपोर्ट पर एसीपी अनवरगंज मोहम्मद अकमल खां ने 3 जून 2021 और एडीसीपी पूर्वी सोमेन्द्र मीणा ने 4 जून 2021 को संस्तुति दे दी थी। उसके बाद फाइल को डीएम के यहां भेजा गया। पुलिस रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को डीएम ने चर्चित सिपाही का लाइसेंस निलम्बित कर दिया। सिपाही के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने आय से अधिक सम्पत्ति की जांच की थी, जिसमें 35 करोड़ की सम्पत्ति का खुलासा हुआ था। इसके अलावा उसकी दो जांचें आयकर विभाग द्वारा भी की जा रही है। सिपाही पर आरोप लगा है कि उसने चकेरी में सरकारी जमीनों का सौंदा कर दिया था। इससे पूर्व सिपाही के खिलाफ सन 2006 से 2019 के बीच आधा दर्जन अपराधिक मामले दर्ज हुए हैं।

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