उप्र के 173 दिव्यांग शिक्षकों की जा सकती है नौकरी ये शिक्षक आज तक

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मेडिकल बोर्ड के सामने सत्यापन के लिए आए ही नहीं

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में नौकरी कर रहे 173 दिव्यांग शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही है। बता दें कि ये शिक्षक आज तक कभी मेडिकल बोर्ड के सामने सत्यापन के लिए आए ही नहीं। इन शिक्षकों को लखनऊ सीएमओ द्वारा गठित नए मेडिकल बोर्ड के सामने 26 जुलाई से पांच अगस्त के बीच जांच के लिए सामने आना है। ये वर्ष 2016 से 2019 के बीच हुई भर्तियों में नियुक्त हुए हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने आदेश जारी कर शिक्षकों की नामवार व प्रशिक्षण के जिलों की सूची जारी की है। उन्होंने कहा है कि इन शिक्षकों के तैनाती वाले जिलों का पता लगा कर मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होने को कहा जाए।
इन शिक्षकों ने विशिष्ट बीटीसी 2007 व 2008 (विशेष) व 2008 के तहत विकलांग कोटे में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। ऐसे 204 विकलांग शिक्षकों की सूची फरवरी, 2021 को भेजी गई थी लेकिन मार्च में मेडिकल बोर्ड की जांच में केवल 34 शिक्षक ही उपस्थित हुए। इसका एक कारण यह भी रहा कि ज्यादातर शिक्षकों की तैनाती स्थल की सूचना डायटों पर उपलब्ध नहीं है। उन्होंने निर्देश भेजते हुए कहा है कि इन अभ्यर्थियों के तैनाती का जिला इसलिए भी न पता नहीं चल पाया क्योंकि अधिकारियों ने इसमें दिलचस्पी नहीं ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक विकलांग कोटे में नियुक्त होने वाले शिक्षकों की जांच सीएमओ द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड के सामने होती है।

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