चेकिंग के नाम पर कर रहा था वसूली, लोगों को बनाता था शिकार बरेली। अलीगढ़ में अतरौली के मुकीमपुर गांव का रहने वाला लाखन सिंह सेना की 17 जाट रेजीमेंट में हवलदार था। वह 15 साल पहले सेना से रिटायर्ड हो गया। इसके बावजूद दरोगा बन कर वसूली शुरू कर दी। इसके लिए उसने सेना का एक फर्जी अथॉरिटी लेटर तैयार किया। यूपी के इस विभाग में हुआ बड़ा फेरबदल, यूपीसीबी के एमडी और सीजीएम बदले अथॉरिटी लेटर में उसे गाड़ी, रक्षा मंत्रालय की प्लेट और नीली बत्ती अनुमन्य थी। नकली अनुमति पत्र दिखाकर वह पुलिस वालों पर भी रौब काट देता था। 2014 में लाखन सिंह बरेली आया। डोहरा रोड स्थित सनराइज कॉलोनी में उसने अपना घर बनाया। चोरी की गाड़ी में वह नीली बत्ती और दरोगा की वर्दी पहन कर घूमता था। इसके बाद आसपास के जिलों में चेकिंग कर वसूली करने लगा। आरोप है कि वह पिछले काफी समय से बरेली में दुकानदारों से लॉकडाउन के नाम पर वसूली कर रहा था। बगैर मास्क के लोगों की चेकिंग कर रहा था। इसके अलावा गाड़ियों की नंबर प्लेट आड़ी तिरछी होने पर भी उनके चालान काट देता था। उसने फर्जी चालान बुक भी छिपा रखी थी। फर्जी दरोगा लाखन सिंह के पास से बिथरी थाना पुलिस ने ब्रिजा कार बरामद की है। ब्रिजा 2017 में नोएडा के कासना थाना क्षेत्र से चोरी हुई थी। उसकी चोरी की रिपोर्ट दर्ज है। बरेली पुलिस ने इस मामले में नोएडा पुलिस को भी सूचना दी है। नोएडा पुलिस जल्द ही बरेली पहुंचकर चोरी की गाड़ी के मामले की जांच पड़ताल करेगी। नकली दरोगा लाखन सिंह अपनी लग्जरी गाड़ी में नीली बत्ती लगाकर उसे चौराहे के आसपास खड़ा करता था। पहले हाईवे और उससे सटे सड़क की रेकी करता था। 2 किलोमीटर दोनों तरफ जहां चेकिंग नहीं हो रही होती। उस स्पॉट पर खड़े होकर चेकिंग करता था। आने जाने वाले वाहनों से वह 500 रुपये की वसूली करता था। पिछले दिनों कोरोना कर्फ्यू के दौरान सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही कम हो गई थी। इसके बाद उसने डोहरा रोड और उसके आसपास के बाजार को अपना निशाना बनाया। दुकानें खुली मिलते ही कोरोना कर्फ्यू बताकर उनसे वसूली करता था। इसके अलावा सड़क पर थूकने वाले और बगैर मास्क घूमने वालों के चालान करने के नाम पर भी उनसे 500-500 रुपये की उगाही करता था।