बनारस में मुख्तार गैंग को लीड करता था मेराज

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शस्त्र लाइसेंस निलंबन के साथ आया था सुर्खियों में
वाराणसी। पूर्वांचल में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी कहे जाने वाले अशोक विहार कॉलोनी निवासी मेराज अहमद उर्फ भाई मेराज की शुक्रवार को चित्रकूट जिला कारागार में गोली मारकर हत्या कर दी गई। चित्रकूट जिला कारागार प्रशासन के अनुसार जेल में निरूद्ध सुल्तानपुर निवासी बंदी अंशुल दीक्षित ने भाई मेराज के अलावा पश्चिम यूपी के दुर्दांत अपराधी मुकीम काला की भी गोली मारकर हत्या कर दी और पांच बंदियों को बंधक बना लिया था। बंधक बनाए गए बंदियों को मुक्त कराने के लिए पुलिस ने अंशुल पर फायरिंग की जिसमें उसकी मौत हो गई। इधर, मुख्तार अंसारी के करीबी कहे जाने वाले भाई मेराज की हत्या के बाद पूर्वांचल के जरायम जगत में हलचल मच गई है। कुछ सफेद पोश नेता भी मेराज की हत्या को लेकर हैरान हैं। भाई मेराज के हत्या की खबर मिलते ही जैतपुरा थाना क्षेत्र के अशोक विहार कॉलोनी में स्थित उसके घर के बाहर करीबियों की भीड़ जुटने लगी है।
गौरतलब है कि मूल रूप से गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के महेन गांव निवासी व मौजूदा समय में अशोक बिहार कॉलोनी में रहने वाले मेराज अहमद उर्फ भाई मेराज को फर्जी दस्तावेज के आधार पर असलहों का लाइसेंस बनवाने के मामले में चित्रकूट जिला कारागार में बंद था। चित्रकूट जिला कारागार प्रशासन ने बताया कि जेल के उच्च सुरक्षा बैरक में निरुद्ध अंशु दीक्षित पुत्र जगदीश निवासी सुल्तानपुर ने सुबह लगभग 10 बजे सहारनपुर से प्रशासनिक आधार पर आए बंदी मुकीम काला और बनारस जिला जेल से प्रशासनिक आधार पर आए मेराज अहमद उर्फ भाई मेराज की गोली मार कर हत्या कर दी। इसके अलावा उसने पांच अन्य बंदियों को बैरक में बंधक बना लिया।
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर चित्रकूट के डीएम और एसपी फोर्स के साथ पहुंचे, लेकिन अंशुल बंधक बनाए गए पांच बंदियों को भी गोली मारने वाला था। जिसे देखते हुए पुलिस टीम के द्वारा जवाबी कार्यवाही में उनको ढेर कर दिया गया। चित्रकूट जिला कारागार के अंदर हुई गोलीबारी में मुख्तार अंसारी के करीबी भाई मेराज के साथ ही पश्चिम उत्तर प्रदेश के दुर्दांत अपराधी मुकीम काला की हत्या किए जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी हो रही है।
बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के अपराधिक गतिविधियों को बैलेंस करने वाले मेराज अहमद उर्फ भाई मेराज को बीते 20 मार्च को प्रशासनिक आधार पर चित्रकूट जिला कारागार में निरुद्ध किया गया था। वहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुकीम काला 05,07,2021 चित्रकूट जिला कारागार में लाया गया था। सुल्तानपुर निवासी अंशुल दिक्षित बीते 08,12,2019 से चित्रकूट जिला कारागार में बंद था। माना जा रहा है कि 2019 से लेकर मौजूदा समय तक चित्रकूट जिला कारागार में रहने के दौरान अंशुल दीक्षित ने जेल के अंदर अपनी अच्छी पैठ बना ली थी। मुकिम काला और भाई मेराज समेत कुछ अन्य बंदियों से अंशुल का विवाद भी होता रहता था। 
मेराज का यूं तो लोग मुख्तार अंसारी से जोड़ कर लेते हैं, लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब भाई मेराज बनारस, मिर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर समेत आसपास के जिलों में जरायम जगत में बड़ी पहचान बन गया था। 15 जून 2006 को भाई मेराज घर में छापा पड़ा था। तब कैंट और जैतपुरा समेत अन्य थानों की फोर्स ने मेराज के घर से 450 ग्राम हेरोइन बरामद कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। वक्ति मेराज अहमद ने खुद को निर्दोष बताया था और राजनीतिक साजिश के तहत पुलिस प्रशासन पर फर्जी ढंग से फंसाने का आरोप लगाया था। बाद में इस मामले में न्यायालय ने मिराज को क्लीन चिट दे दी थी। जेल से छुटने के बाद भाई मेराज का नाम मुख्तार अंसारी से जुड़ गया और मुख्तार अंसारी के अपराधिक गतिविधियों को निराज पूर्वांचल में बैलेंस करने लगा। इस दौरान मिराज के खिलाफ वाराणसी समेत आसपास के जिलों में दो दर्जन से ज्यादे आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए।
भाई मेराज बाहुबली मुख्तार अंसारी के अलावा प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी के लिए भी काम करता था। बजरंगी गिरोह से जुड़कर उसने पूर्वांचल के कई व्यापारी और जमीन कारोबारियों को टारगेट किया। बजरंगी गिरोह मेराज के इशारों पर व्यापारियों से रंगदारी वसूलती थी। इस काम के लिए भाई मेराज ने करीमुद्दीनपुर के महेन गांव से लेकर वाराणसी जिले तक में अपने गुर्रों का खास नेटवर्क चलाता था। वसूली के एक आरोप में भाई मेराज लंबे समय तक तिहाड़ जेल में भी बंद था।

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