अजीत हत्याकांडः गिरधारी मुठभेड़ की जांच कराएगी योगी सरकार

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लखनऊ। प्रदेश सरकार ने अजीत सिंह हत्याकांड के अभियुक्त गिरधारी विश्वकर्मा के लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच कराने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार ने हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज जायसवाल की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया है। यह फैसला कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से लिया गया।
लखनऊ के विभूतिखंड थाना क्षेत्र में गत छह जनवरी को हुए अजीत सिंह हत्याकांड में गिरधारी विश्वकर्मा की मुख्य भूमिका सामने आई थी। लखनऊ पुलिस अभी उसे तलाश ही रही थी कि दिल्ली पुलिस से उसे गिरफ्तार कर लिया था। बाद में पुलिस उसे लखनऊ ले आई। कोर्ट ने गिरधारी की तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की थी। इस बीच गत 15 फरवरी को वह पुलिस की कस्टडी से भागने की कोशिश में मारा गया।
पुलिस ने दावा किया कि वह अजीत हत्याकांड में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी के लिए उसे सहारा अस्पताल के पीछे ले गई थी, जहां वह पुलिस टीम पर हमला करके भागने की कोशिश करने लगा। गिरधारी के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने का यह मामला बाद में कोर्ट तक पहुंचा।
आजमगढ़ के वकील सर्वजीत सिंह की याचिका पर सीजेएम लखनऊ की कोर्ट ने मुठभेड़ में शामिल पुलिस टीम के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर विवेचना कराए जाने का आदेश पारित कर दिया था। सीजेएम के 26 फरवरी के इस आदेश पर बाद में हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। अब राज्य सरकार ने इस मुठभेड़ की जांच न्यायिक आयोग से कराने का फैसला किया है।

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