आजमगढ़ : नेपाल बॉर्डर तक फैला था गोवंश तस्करी का नेटवर्क, 9 कुख्यात साथी थे गिरोह में

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मोबाइल भी नहीं रखता था शातिर वाकिफ, लोकेशन ट्रेस करने में नाकाम रहती थी पुलिस
जानिए STF-स्वाट की संयुक्त कार्रवाई में मारे गए 50 हजार के इनामी गो-तस्कर बदमाश वाकिफ की क्राइम हिस्ट्री
आजमगढ़। रौनापार थाना क्षेत्र के जोकहरा पुल के पास शुक्रवार सुबह एसटीएफ, स्वाट टीम और सिधारी पुलिस की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 50 हजार रुपये का इनामी बदमाश वाकिफ उर्फ वाकिब पुत्र कलाम उर्फ सलाम को मुठभेड़ में मार गिराया। वाकिफ मूल रूप से फूलपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला था और पिछले कई वर्षों से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था।
पुलिस के अनुसार, वाकिफ ने 2015 में पशु तस्करी के पहले मुकदमे के साथ अपराध की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद उसने अपना गिरोह गठित कर लिया, जिसमें अरशद, राकेश उर्फ राका, जावेद, मेराज, सुरेंद्र यादव, शहजादे उर्फ छेदी, मोहम्मद आकिल, हसीम उर्फ शेरू और शकील उर्फ भीमा जैसे खतरनाक अपराधी शामिल थे। गिरोह नेपाल बॉर्डर के रास्ते गोवंश की अवैध तस्करी में सक्रिय था। 2020 में गोरखपुर पुलिस ने उसे गैंगस्टर एक्ट में पहली बार पाबंद किया था। अब तक उसके खिलाफ कुल 67 आपराधिक मुकदमे दर्ज हो चुके थे। दो वर्ष पूर्व 2023 में गोरखपुर के एक गो-तस्करी कांड में नाम आने के बाद उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था।
वाकिफ बेहद चालाक अपराधी था। वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल कभी नहीं करता था और गुप्त तरीके से गिरोह चलाता था, ताकि उसकी लोकेशन ट्रेस न हो सके। शुक्रवार सुबह मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी की तो वाकिफ ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई और वह मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस ने मौके से हथियार और अन्य सामान बरामद किया है। इस सफल ऑपरेशन से क्षेत्र में गो-तस्करी के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।

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