योगी सरकार का बड़ा ऐक्शन, एडिशनल कमिश्नर और संयुक्त आयुक्त समेत 3 सस्पेंड

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साल के सबसे बड़े 5 करोड़ के फर्जी ITC घोटाले का मामला
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने राज्य कर विभाग में बड़ा प्रशासनिक एक्शन लिया है। लखनऊ की विशेष अनुसंधान शाखा (SIB) में तैनात तीन वरिष्ठ अधिकारियों को 5 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) घोटाले में लापरवाही और मिलीभगत के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबित अधिकारियों में अपर आयुक्त संजय कुमार मिश्र, संयुक्त आयुक्त सुशील कुमार सिंह, उपायुक्त धनश्याम मधेशिया शामिल हैं। विशेष सचिव राज्य कर श्याम प्रकाश नरायण ने बुधवार को निलंबन आदेश जारी किए। दिल्ली की फर्म आकाश कार्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड ने लखनऊ की गासपेल प्रेस (निराला नगर व नादरगंज अमौसी) के नाम पर चार वाहनों (यूपी 82-टी 9714, एचआर-63 ई 9906, एसआर 38-टी 9341 और पीबी-10 वी 5297) के लिए ई-वे बिल बनाए, लेकिन इन वाहनों में कोई माल नहीं था। फिर भी सिर्फ कागजों पर माल दिखाकर करीब 5 करोड़ रुपये का फर्जी ITC क्लेम कर लिया गया।जांच में सामने आया कि SIB की टीम ने तलाशी के दौरान जानबूझकर भौतिक सत्यापन नहीं किया, जिनमें फैक्ट्री गेट की CCTV फुटेज नहीं मांगी गई, गेट रजिस्टर में वाहनों की एंट्री चेक नहीं की गई, स्टॉक रजिस्टर नहीं होने के बावजूद 3.57 करोड़ का स्टॉक बिना सत्यापन के सही मान लिया गया। व्यापारी से माल दिखाने को नहीं कहा गया, सिर्फ 44.87 लाख रुपये का मामूली अर्थदंड लगाकर माल छोड़ दिया गया (नियम के अनुसार माल की लागत के बराबर जुर्माना लगना चाहिए था), FIR दर्ज नहीं की गई, न ही ट्रांसपोर्टर या चालकों पर कोई कार्रवाई हुई।जांच रिपोर्ट में अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने व्यापारी को अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से सभी अनियमितताओं को नजरअंदाज किया और कपटपूर्ण तरीके से 5 करोड़ का ITC पास होने दिया। सरकार ने इसे गंभीर कदाचार मानते हुए तीनों अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। राज्य कर विभाग में यह इस साल का सबसे बड़ा ITC घोटाला माना जा रहा है।

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