फर्जी दस्तावेजों से प्राप्त किया पंजीकरण, फर्म अस्तित्व में नहीं मिली, फर्जी इनवॉइस से लाखों की आईटीसी पास
आजमगढ़। जनपद के राज्य कर विभाग ने एक फर्जी जीएसटी फर्म 'मलिक इंटरप्राइजेज' का पर्दाफाश किया है। जीएसटीआईएन नंबर 09BZCPA0905LIZM वाली इस फर्म के प्रोपराइटर आदिल (पुत्र इश्तियाक) ने फर्जी बिजली बिल, रेंट एग्रीमेंट और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज अपलोड कर 30 दिसंबर 2024 को पंजीकरण प्राप्त किया था। जांच में फर्म का पता शॉप नंबर 119/ए, बदोपुर रोड पर अस्तित्व में नहीं पाया गया। बिजली बिल फर्जी निकला, क्योंकि संबंधित अकाउंट नंबर बिजली विभाग की वेबसाइट पर अमान्य दिखा। आधार कार्ड में घोषित पता आजमगढ़ का था, लेकिन वास्तविक पता बिजनौर का निकला। ग्राम पंचायत की जांच में भी फर्म के मालिक या मकान मालिक गोरे लाल का कोई अस्तित्व नहीं मिला। फर्म ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में फर्जी इनवॉइस जारी कर 66.13 करोड़ रुपये की आउटवर्ड सप्लाई दिखाई और 11.90 करोड़ रुपये की फर्जी आईटीसी पास की। इसी तरह 66.16 करोड़ की फर्जी खरीद दिखाकर 11.91 करोड़ की आईटीसी ली गई, जिससे कुल 23.81 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति हुई। विभाग ने कोतवाली थाने को पत्र भेजकर भारतीय दंड संहिता और जीएसटी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। वरिष्ठ सहायक राजीव लाल अस्थाना ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की अपील की है। शहर कोतवाली पुलिस ने इस मामले में आरोपी प्रोपराइटर आदिल पुत्र इश्तियाक निवासी रेसी हाउस नं0-35, गली नं0-2 पगरा, कोतवाली, आजमगढ़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।




