आजमगढ़ की बेटी ने रचा इतिहास

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मेजर स्वाती राय सहित एमएनएस की महिला टीम ने फतह किया 6120 मीटर ऊंचा माउंट लामो
अदम्य साहस से नई चोटी पर तिरंगा, याबत तोक्पो घाटी में पहली बार मानव विजय
आजमगढ़। जनपद के रानी की सराय थाना क्षेत्र के सेठवल क्षेत्र की शान मेजर स्वाती राय ने भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवा की 11 वीरांगना अधिकारियों की टीम के साथ एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। हाल ही में गठित इस महिला दल ने लद्दाख की याबत तोक्पो घाटी में स्थित 6,120 मीटर ऊंची सर्वोच्च चोटी पर विजय प्राप्त कर इतिहास रच दिया। यह चोटी, जो आज तक मानव कदमों से अछूती रही थी, अब 'माउंट लामो' के नाम से जानी जाएगी। नाम का चयन लद्दाख की स्थानीय परंपराओं के अनुरूप किया गया है, जो मां काली की असीम शक्ति और दिव्य ऊर्जा से प्रेरित है। दल का नेतृत्व मेजर रचना हुड्डा ने किया, जिसमें मेजर स्वाती राय भी शामिल रहीं। अदम्य साहस, दृढ़ संकल्प और उच्च मनोबल के साथ इस टीम ने कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए यह मुश्किल मिशन पूरा किया। यह उपलब्धि न केवल एमएनएस के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगी, बल्कि पूरे राष्ट्र की बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। पर्वतारोहण जैसे जोखिम भरे साहसिक कार्य में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी समाज के लिए सुखद संदेश है। सफलता की खबर सेठवल गांव पहुंचते ही पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। मेजर स्वाती राय सेठवल निवासी सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी श्यामू राय की पुत्री हैं। पिता की सेना की विरासत को आगे बढ़ाते हुए स्वाती ने टठर में अपनी सेवाएं दी हैं। माता उर्मिला राय भी बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व से चमक रही हैं। परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि यह सफलता न केवल स्वाती की मेहनत का फल है, बल्कि भारतीय सेना की महिला शक्ति का प्रतीक भी है। स्थानीय लोग इसे क्षेत्र की बेटियों के लिए नई मिसाल मान रहे हैं।

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