आजमगढ़। आजमगढ़-जौनपुर मुख्य मार्ग पर रानीपुर रजमो गांव के पास आवारा पशुओं की दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला बीती रात का है, जब एक वाहन की चपेट में आने से चार पशुओं की दर्दनाक मौत हो गई। शव सड़क पर पड़े रहे, जिसकी सूचना स्थानीय लोगों ने उच्च अधिकारियों को दी। सूचना मिलने पर कुछ लोग मौके पर पहुंचे और शवों को हटाया।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सड़कों पर आवारा पशुओं का घूमना रोजमर्रा की समस्या बन चुका है। सड़क किनारे और डिवाइडर के बीच उगी बड़ी-बड़ी झाड़ियां दृश्यता को बाधित करती हैं, जिससे वाहन चालकों को पशु दिखाई नहीं देते। कई जगहों पर अंधे मोड़ भी दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इन पशुओं को सड़कों पर आने से रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
हालांकि सरकार ने पशुओं की सुरक्षा के लिए रानीपुर रजमो गांव में पशु आश्रय स्थल बनाया है, लेकिन वहां की व्यवस्थाएं पूरी तरह लचर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि आश्रय स्थल में लापरवाही बरती जा रही है, जिसके चलते पशु सड़कों पर भटक रहे हैं। बड़े वाहनों से टकराने पर पशुओं की मौत हो रही है, वहीं छोटे वाहनों के चालकों और यात्रियों के लिए भी ये हादसे जानलेवा साबित हो सकते हैं।
आजमगढ़-वाराणसी और आजमगढ़-जौनपुर मार्गों के बीच स्थित रानीपुर रजमो गांव में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में पूरी तरह निष्क्रिय हैं। सरकार द्वारा पशु सुरक्षा के लिए खर्च की जा रही राशि और योजनाएं अधिकारियों की लापरवाही के कारण बेकार साबित हो रही हैं।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सड़कों पर आवारा पशुओं को रोकने, झाड़ियों की सफाई और आश्रय स्थलों की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।





