गैर जनपद के दर्जनों की संख्या में लोग राहगीरों को रोक कर उपलब्ध करा रहे कीमती सामान
आजमगढ़। शहर कोतवाली के भगत सिंह चौराहा से हर्रा की चुंगी की तरफ आने पर चौराहे से कुछ कदम दूर एक टाटा मैजिक गाड़ी में बड़ी संख्या में गैस चूल्हा, कूकर, साउंड सिस्टम, इलेक्ट्रिक हिटर, इंडक्शन चूल्हे, दर्जन भर की संख्या में लोग राहगीरों में पैदल, बाइक व चार पहिया वाहन से जाने वाले लोगों को रोक कर बिना किसी बिल बाउचर के बेचा जा रहा था। मामले में जब कुछ लोगों द्वारा सवाल उठाया गया और बिल बाउचर की बात की गयी तो पहले तो सवाल उठाने वाले लोगों को कुछ लेने देने की बात करते दिखे। सामान बेचने वाले और उनके द्वारा यह बताया गया कि सामान की बिल नहीं दी जा सकती है क्योंकि जीएसटी आदि नहीं दी गयी है। मौके पर मौजूद लोगों द्वारा जीएसटी के जिम्मेदारों के साथ-साथ शहर कोतवाली प्रभारी को सूचना दी गयी। शहर कोतवाली प्रभारी की सूचना पर बलरामपुर चौकी प्रभारी के निर्देश पर मौके पर पहुंचे सिपाही द्वारा गाड़ी व सामान के साथ कुछ सामान बेचने वाले को चौकी पर लाया गया लेकिन चौकी पर लाये जाने से पहले गैर जनपद निवासियों द्वारा मौके पर मौजूद लोगों को लेन देन के माध्यम से पुलिस न बुलाने की दुहाई देते देखा गया। उनकी कार्य प्रणाली कहीं न कहीं से यह सिद्ध कर रही थी कि सामान या तो नकली हैं या तो किसी अवैध तरीके से कहीं दूर लाकर बेचे जा रहे थे, क्योंकि लगभग तीन सौ किलोमीटर दूर कानपुर निवासियों का इस तरह रोड पर बड़ी संख्या में सामान बेचे जाना मामले को संदिग्ध जरूर दर्शाता है लेकिन मामले में बलरामपुर चौकी प्रभारी अखिलेश नारायण सिंह से जब बात की गयी तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा सामान का बिल दिखाया गया इसलिए उन्हें जाने दिया गया लेकिन पूरे मामले में एक सवाल चर्चा में रहा कि बिना किसी बिल जीएसटी के इतनी बड़ी संख्या में सड़क पर खडेÞ होकर इतने बड़े सामान बेचने वाले जो पहले पुलिस बुलाने के नाम पर कुछ भी करने के लिए तैयार था लेकिन चौकी जाने के बाद बड़े आराम से उनका जाना, कुछ भी करने के बात पर कई सवाल छोड़ गया। आखिर क्यों न बुलाई गई जीएसटी टीम, क्यों नहीं जांच की गई कि कहां से आया सामान और लाखों का कारोबार सड़क पर झोल तो जरूर रहा होगा।

