आज़मगढ़ : एसकेडी में सजी मां दुर्गा की भव्य झांकी, भक्तिमय हुआ क्षेत्र

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नौ देवियों के भव्य स्वरूप में सजी विद्यालय की छात्राएं
हिन्दू धर्म में नारी शक्ति को वेद के समय से ही दिया गया महत्व-विजय बहादुर सिंह, संस्थापक
आजमगढ़। जहानागंज क्षेत्र के धनहुंआ स्थित एसकेडी विद्या मन्दिर एवं एसकेडी इण्टर काॅलेज में नवरात्र एवं दशहरा के उपलक्ष्य में विविध कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसे देखते हुए उपस्थित जन भक्ति भावना से ओत प्रोत हो गये। नौ देवियों के भव्य स्वरूप में सजी विद्यालय की बालाओं को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो जगत जननी मां भगवती अपने भक्तों के कष्ट को दूर करने के लिए साक्षात धरा पर अवतरित हो गयी हैं। इसी तरह से रामायाण के किरदार में राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुधन, सीता, रावण, और हनुमान बने छात्र/ छात्रायें काफी आकर्षक लग रहे थे।
एसकेडी विद्या मंदिर में शुरूआत विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह द्वारा मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चन से हुई। इसके पश्चात भक्ति की जो धारा बही, उपस्थित सभी लोगों को सराबोर करते हुए देर तक बहती रही। महिषासुर मर्दन का दृष्य रहा हो या चण्ड मुण्ड वध, सभी कार्यक्रम एक से बढ़कर एक लग रहे थे। एसकेडी इण्टर कालेज में कार्यक्रम का आरंभ व्यवस्थापक श्रीकांत सिंह द्वारा मां दुर्गा के पूजन अर्चन से हुई। यहां सीता स्वयंबर,भरत मिलाप, श्री राम दरबार झांकी, पर्ण कुटी के बाहर पहरा दे रहे लक्ष्मण, हनुमान जी का अशोक वाटिका में प्रवेश और वाटिका को उजाड़ने जैसे दृष्य काफी आकर्षक लग रहे थे। वैष्णवी, दुर्गेश, वैभव, अनुदीप, श्वेता, अनुकल्प, अमृता, साक्षी, अंतिमा आदि की प्रस्तुति काफी सराहनीय रही।
अपने वक्तव्य में विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि हिन्दू धर्म में नारी शक्ति को वेद के समय से ही महत्व दिया गया है। गार्गी, मैत्रेयी, लोपामुद्रा, अपाला, और घोषा जैसी विदुषी महिलाओं ने उपनिषद के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन महिलाओं को समाज में उच्च स्थान प्राप्त था, वे शिक्षा प्राप्त करने, धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने और अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र थीं। चाहे विज्ञान का क्षेत्र हो या देश की रक्षा का मामल, हर जगह महिलाएं अपना कौशल दिखा रही हैं। ऑपरेशन सिंदूर का सफलतापूर्वक नेतृत्व दो महिलाओं ने करके दिखा दिया कि वे किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।
मातृ शक्ति की महत्ता को समझते हुए ही नवरात्र के उपवास और पूजन की विधि बनाई गयी है। श्री सिंह ने मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के चरित्र के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की बात कही। विद्यालय की प्रधानाचार्या प्रीती यादव एवं के के सरन ने भी अपने विचारों को रखा। कार्यक्रम को सफल बनाने में अनंत, दिनेश, सूर्य प्रकाश, विपिन, योगेन्द्र,रसना, संगीता, शिवांगी, रूबी, नेहा आदि की भूमिका सराहनीय रही।

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