रिपोर्ट : आरपी सिंह
आजमगढ़। विद्युत विभाग में कर्तव्यनिष्ठा की सजा भुगत रहे जूनियर इंजीनियर (जेई) के साथ अन्याय का मामला सामने आया है। फूलपुर विद्युत वितरण खंड में तैनात जेई के खिलाफ एक आरोपी की फर्जी शिकायत के आधार पर तबादला कर दिया गया। इस घटना ने अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, जेई ने शिकायतकर्ता के खिलाफ विद्युत चोरी का मुकदमा दर्ज किया था, क्योंकि शिकायतकर्ता पर एक लाख रुपये का बकाया था। इसके बाद अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) ने जेई पर कनेक्शन देने के लिए दबाव बनाया। जेई द्वारा पेनाल्टी और नो-ड्यूज सर्टिफिकेट की मांग करने पर उनसे रिपोर्ट तलब की गई, जो उनके तबादले का कारण बन गई।
मामले में तीन अभियंताओं का एक साथ मुख्य अभियंता (चीफ इंजीनियर) द्वारा तबादला किया गया, लेकिन केवल जेई देवेंद्र सिंह को अधिशासी अभियंता द्वारा रिलीव करना द्वेषपूर्ण रवैये को दर्शाता है। सूत्रों के मुताबिक, जेई ने बड़े अधिकारियों की गलत बात न मानने और केवल एक शिकायत के आधार पर बिना जांच के तबादला किया जाना, विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों की मनमानी को उजागर करता है। इसके अलावा, आनन-फानन में गद्दोपुर के एक अन्य अभियंता को प्रभार सौंपना भी संदेह के घेरे में है। इस पूरे प्रकरण ने विभागीय कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
बता दें कि अवर अभियन्ता के जिस शिकायत को आधार मान कर स्थान्तरण किया गया, अधीक्षण अभियंता की जांच में शिकायत को झूठा, तथ्यों को छुपाने, अधिशाषी अभियंता फूलपुर की मिली भगत होने की रिपोर्ट मुख्य अभियन्ता मण्डल को दिया। क्षेत्र में इस बात की चर्चा जोड़ों पर है कि जब शिकायत सही नहीं तो दण्ड किस बात का। इस बाबत मुख्य अभियंता से जानकारी लेने के लिए बात करने की कोशिश गई है तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।



