आजमगढ़ : थानाध्यक्ष, उपनिरीक्षक सहित 6 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

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बुजुर्ग को तीसरी मंजिल से नीचे फेंकने का आरोप
गंभीर चोट के कारण इलाज के लिए बेचना पड़ गया खेत, पीड़ित अभी भी बिस्तर पर
आजमगढ़। जिले के पवई थाना क्षेत्र में एक बुजुर्ग दंपति के साथ पुलिस उत्पीड़न का सनसनीखेज मामला सामने आया है। 65 वर्षीय श्रीमती तारा देवी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें पवई थाने के पुलिसकर्मियों पर उनके पति विद्यासागर पाण्डेय के साथ मारपीट करने, जान से मारने की कोशिश करने और बाद में धमकी देकर पैसे ठूंसने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट के आदेश पर थानाध्यक्ष पवई अनिल सिंह, कृष्ण कुमार मिश्र उपनिरीक्षक, का0 बृजेश तिवारी, दो अन्य सिपाही नाम अज्ञात, रोहित यादव पुत्र लालबहादुर यादव ग्राम अंडिका, पवई के खिलाफ शहर कोतवाली में FIR दर्ज की गई है। पीड़िता ने उच्चाधिकारियों से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पीड़िता तारा देवी के अनुसार 6-7 अगस्त 2024 की रात्रि करीब 1:30 बजे वह अपने पति विद्यासागर पाण्डेय के साथ भाई रमेश तिवारी के घर ग्राम कोलघाट, थाना कोतवाली में रुकी हुई थीं। पति छत पर सो रहे थे, तभी पवई थाने के उपनिरीक्षक श्रीकृष्ण कुमार मिश्र, सिपाही बृजेश तिवारी और दो अन्य अज्ञात सिपाहियों ने तारा देवी के भतीजे विकास तिवारी के साथ पहुंचकर गालीगलौज शुरू कर दी। आरोप है कि उन्होंने पति को गाली देते हुए जगाया और कहा कि 'तुम्हारा लड़का गांव की लड़की को लेकर भागा है'।
जब पति ने सफाई दी, तो शोर सुनकर तारा देवी और भाई छत पर पहुंचे। इस दौरान थानाध्यक्ष अनिल सिंह के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने पति को लाठी-डंडों और बंदूक की बट से पीटा। स्थानीय निवासी रोहित यादव पुत्र लालबहादुर यादव, ग्राम अंडिका भी कथित रूप से मौजूद था। पीड़िता ने आरोप लगाया कि पांचों ने मिलकर पति को तीसरी मंजिल की छत से धक्का देकर फेंक दिया, जिससे उनके सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं।
पुलिसकर्मियों ने पति को अपनी जीप में डालकर सदर अस्पताल आजमगढ़ ले जाकर भर्ती कराया और बिना मेडिकल जांच के भाग गए। थानाध्यक्ष अनिल सिंह ने बाद में तारा देवी के घर अंडिका पहुंचकर बताया कि पति अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने कथित रूप से 23,000 रुपये जबरन थमा दिए और धमकी दी, 'दवा-इलाज करा लो, कोई कार्रवाई की तो बहुत बुरा होगा'। पीड़िता ने पैसे लेने से इनकार किया, लेकिन वे घर पर छोड़कर चले गए।
घटना के तीसरे दिन पुलिस ने साजिश के तहत मेडिकल जांच कराई। तारा देवी ने कई बीघा खेत बेचकर पति का इलाज कराया, जो अभी भी बिस्तर पर ही हैं। उन्होंने उच्च अधिकारियों, मुख्यमंत्री कार्यालय और 23 अगस्त 2024 को एसपी आजमगढ़ को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत भेजी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरन 4 सितंबर 2024 को कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई।
FIR में उपनिरीक्षक श्रीकृष्ण कुमार मिश्र, रमेश तिवारी (सिपाही), दो अज्ञात सिपाही, थानाध्यक्ष अनिल सिंह और रोहित यादव आरोपी बनाए गए हैं। 173(4) (अपराधिक धमकी) और अन्य सुसंगत धाराओं में केस दर्ज किया गया है। कोर्ट ने क्षेत्राधिकारी स्तर के वरिष्ठ अधिकारी से जांच के आदेश दिए हैं।

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