लखनऊ। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रिश्वतखोरी के मामले में कड़ा एक्शन लेते हुए केन्द्रीय नारकोटिक्स कार्यालय, लखनऊ में बड़ी कार्रवाई की। CBI ने देवा नर्सिंग होम के मालिक गयासुद्दीन से रिश्वत लेने के आरोप में नारकोटिक्स इंस्पेक्टर आदर्श योगी सहित दो बिचौलियों, सुनील जायसवाल और संतोष जायसवाल को गिरफ्तार किया। इस मामले में पहले गिरफ्तार नारकोटिक्स इंस्पेक्टर महिपाल सिंह को केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया, जबकि अन्य दो इंस्पेक्टरों, रवि रंजन और आदर्श योगी को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
CBI को मंगलवार को सूचना मिली थी कि केन्द्रीय नारकोटिक्स कार्यालय, महानगर में गयासुद्दीन से रिश्वत ली जा रही है। इसके बाद CBI ने छापेमारी कर नारकोटिक्स इंस्पेक्टर महिपाल सिंह, रवि रंजन और गयासुद्दीन को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि इस रिश्वतखोरी में बिचौलियों सुनील जायसवाल, संतोष जायसवाल और एक अन्य नारकोटिक्स इंस्पेक्टर आदर्श योगी भी शामिल थे। CBI ने इन तीनों को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की।
CBI के अनुसार, गिरफ्तार तस्कर रोशन लाल के बयान में गयासुद्दीन का नाम सामने आने के बाद तीनों नारकोटिक्स इंस्पेक्टरों ने उसे धमकाना शुरू किया। गयासुद्दीन और उनके बेटे ककूब को जेल भेजने की धमकी देकर 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई। डर के कारण गयासुद्दीन ने रिश्वत देने की सहमति दी, और यह रकम नारकोटिक्स कार्यालय में दी जानी थी। CBI ने सही समय पर कार्रवाई कर इस रिश्वतखोरी का भंडाफोड़ किया।
CBI ने मंगलवार को महिपाल सिंह, रवि रंजन, गयासुद्दीन, उनके बेटे ककूब और सुनील जायसवाल के खिलाफ FIR दर्ज की थी। बुधवार को इसमें संतोष जायसवाल और आदर्श योगी का नाम भी जोड़ा गया। CBI अभी गयासुद्दीन के बेटे ककूब की भूमिका की जांच कर रही है। इसके अलावा, इस मामले में अन्य संदिग्धों की भूमिका भी खंगाली जा रही है। केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर महिपाल सिंह को बर्खास्त कर दिया, जबकि रवि रंजन और आदर्श योगी को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। CBI का कहना है कि रिश्वतखोरी के इस मामले में और भी कई तथ्य सामने आ सकते हैं, जिसके लिए जांच जारी है।





