आजमगढ़ : भाजपा मंडल उपाध्यक्ष व पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज, लगे गंभीर आरोप

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मेरे खिलाफ दर्ज मुकदमा फर्जी और निराधार : मंडल उपाध्यक्ष
भाजपा नेता ने मुकदमा दर्ज कराने के कारणों को किया सार्वजनिक
मऊ। जनपद मऊ के पूर्व क्षेत्राधिकारी और वर्तमान में आजमगढ़ के मुख्य एयरपोर्ट सुरक्षा अधिकारी अजय विक्रम सिंह ने मुहम्मदाबाद गोहना निवासी भाजपा मंडल उपाध्यक्ष और पत्रकार संजीव राय पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। सिंह ने क्षेत्राधिकारी, मुहम्मदाबाद गोहना को सौंपे गए अपने प्रार्थना पत्र में कहा है कि संजीव राय ने पत्रकारिता की आड़ में उन्हें भयभीत करने और अनैतिक कार्यों में सहयोग के लिए दबाव बनाया।
सिंह के अनुसार, उनके द्वारा संजीव राय के अनुचित प्रस्तावों को ठुकराने और उनके खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई करने से नाराज होकर राय ने फर्जी शिकायतें कीं और सोशल मीडिया के जरिए उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया। सिंह ने बताया कि 30 नवंबर 2024 को संजीव राय ने अपनी फेसबुक आईडी पर उनकी खिल्ली उड़ाते हुए पोस्ट की, जिसमें "अब हवाई जहाज उड़ेगी" जैसे तंज भरे शब्द लिखे। इसके अलावा, 8 दिसंबर 2024 को मुहम्मदाबाद गोहना के सेक्रेट हर्ट स्कूल में आयोजित एक समारोह में राय ने अपने कुछ अज्ञात सहयोगियों के साथ सिंह को अकेला देखकर जातिसूचक अपशब्दों का उपयोग करते हुए गालियां दीं और मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। 9 दिसंबर 2024 को राय ने फेसबुक पर एक और अपमानजनक पोस्ट की, जिसमें लिखा, "सौ-सौ घुसा खाई तमाशा घुस के देखे। कुछ ऐसे बेईज्जत लोग हैं, जो हर जगह जाते हैं, बेईज्जत होने के बाद भी न जाने कैसे उनको शर्म नहीं आती।" सिंह ने इस पोस्ट को अपनी मानहानि और अपमान का हिस्सा बताया।
सिंह ने प्रार्थना पत्र में अनुरोध किया है कि संजीव राय के खिलाफ सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर निष्पक्ष कार्रवाई की जाए, ताकि उनकी अवैधानिक गतिविधियों पर अंकुश लगे और भविष्य में अन्य अधिकारियों को इस तरह की प्रताड़ना न झेलनी पड़े।
वहीं, भाजपा नेता संजीव राय ने कहा कि मेरे खिलाफ दर्ज मुकदमा फर्जी और निराधार है। पूर्व क्षेत्राधिकारी अजय विक्रम सिंह ने मेरे खिलाफ दर्जनों शिकायती पत्र दिया था, लेकिन जांच में सभी मामले फर्जी पाए गए।
अपने पद का दुरुपयोग कर रानीपुर थाने में मेरे खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराया जो जांच में गलत पाया गया। विवादित रहे क्षेत्राधिकारी के खिलाफ सीजीएम न्यायालय में इस्तगासा दाखिल किया है। इसलिए दबाव डालने के लिए उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया है।
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