रैगिंग और सीनियर-जूनियर तनाव फिर उजागर, कॉलेज प्रशासन मौन
आजमगढ़। राजकीय मेडिकल कॉलेज, चक्रपानपुर में 15 जून को इंटर्न्स के बीच हुई हिंसक झड़प ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में दोनों पक्षों ने थाना जहानागंज में एक-दूसरे के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। घटना में गंभीर चोटें और जानलेवा हमले के आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
पहला मामले में जितेंद्र प्रसाद शुक्ल, निवासी बस्ती, ने अपनी तहरीर में बताया कि उनका बेटा डॉ. आकाश दीप शुक्ल, जो आजमगढ़ PGI से इंटर्नशिप कर रहा है, 15 जून की सुबह 9 बजे हॉस्टल में सीनियर के साथ सो रहा था। तभी अजय धनकड़, आशुतोष जायसवाल, देव, परीक्षित, आयुष, उमंग खेतान, दीपांशु, अंकित, शौरभ शुक्ल और 5 अज्ञात लोग लाठी-डंडे और लोहे के रॉड से लैस होकर आए। आरोप है कि इन लोगों ने कमरे का दरवाजा जबरन खुलवाया और गाली-गलौज करते हुए आकाश पर जानलेवा हमला किया। हमलावरों ने लोहे के रॉड, प्रेस और ताले से सिर और शरीर पर प्राणघातक चोटें पहुंचाईं, जिससे आकाश खून से लथपथ होकर बेहोश हो गया। हमलावर उसे मरा समझकर भाग गए। आकाश का PGI में इलाज चल रहा है और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
वहीं दूसरी ओर, ललित यादव, निवासी फिरोजाबाद, ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया कि 15 जून को सुबह 3 बजे वह हॉस्टल के प्रथम तल पर वाटर कूलर से पानी लेने गया था। तभी आकाश दीप शुक्ल और 5-6 अन्य लोग आए और उससे अभद्र भाषा में बात करते हुए "मुर्गा" बनाने और "बॉस" कहने के लिए दबाव डाला। ललित ने इसका विरोध किया तो आकाश और उसके साथियों ने उसे सीनियर होने का हवाला देकर धमकाया। ललित के अनुसार, आकाश ने लोहे के रॉड से उसके सिर पर वार किया, जिससे वह बेहोश हो गया। उसे इमरजेंसी में भर्ती कराया गया, जहां होश आने पर उसने यह तहरीर दी। ललित ने यह भी आरोप लगाया कि आकाश के पिता और अन्य लोगों ने उसे व उसके परिवार को धमकी दी। पुलिस ने इस मामले में भी मुकदमा दर्ज किया है।
इस घटना ने मेडिकल कॉलेज में रैगिंग और सीनियर-जूनियर के बीच तनाव के मुद्दे को फिर से उजागर किया है। हालांकि, कॉलेज प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। इस घटना ने आजमगढ़ के मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।