हजारों साल पहले हमारे देश के ऋषि मुनियों ने योग का जो सूत्र दिया उसे आज पूरा विश्व अपना रहा है-विजय बहादुर सिंह, संस्थापक
आजमगढ़। जहानागंज के धनहुंआ स्थित एसकेडी विद्या मन्दिर में शनिवार को योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भागीदारी करते हुए लोग योग की बारीकियों को समझते हुए विभिन्न प्रकार के आसन-ध्यान से अवगत हुए।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि योग की महत्ता को आज पूरा विश्व समझ चुका है। यह हमारी ऋषि परम्परा से प्रेरित है जैसे जैसे लोग मशीनों पर निर्भर होकर आरामतलब की जिन्दगी जीने की शैली अपना रहे हैं वैसे ही उनका शरीर रोगों से घिर रहा है। ऐसे में योग की महत्ता काफी बढ़ गयी है। हजारों साल पहले हमारे देश के ऋषि मुनियों ने योग का जो सूत्र दिया उसे आज पूरा विश्व अपना रहा है। योग का अर्थ ही होता है समन्वय। मनुष्य प्रकृति के साथ समन्वय करते हुए कैसे निरोग रहे योग हमें यही सीखाता है। चाहे सूर्य की असीम ऊर्जा को अपने अन्दर समाहित करने के लिए सूर्य नमस्कार की कला हो या अनुलोम विलोम आदि द्वारा शरीर की तीनो नाड़ियों में प्रवाहित होने वाली वायु को शुद्ध करने की प्रक्रिया, सबको योग के सूत्र में बांधा गया है। विद्यालय के योग एवं शारीरिक शिक्षा अध्यापक सुनील राजभर द्वारा योग की विभिन्न यौगिक क्रियाएं कराई गई और प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रधानाचार्य प्रीति यादव, श्रीकान्त सिंह, , संजय, रणविजय, राजेश, दिनेश, रूबी, आदि की भूमिका सराहनीय रही।