एसएसपी के निर्देश पर पति सहित 6 लोगों पर दर्ज हुआ मुकदमा
आजमगढ़। दहेज लोभियों द्वारा विवाहिता को आए दिन प्रताड़ित कर अपनी मांग को मनवाने के लिए तमाम तरह की यातनाएं दी जाने लगी, जब उनकी मंशा पूरी नहीं हुई, तब इन दहेज लोभियों द्वारा पीड़िता को बुरी तरह मारपीट कर मरा हुआ समझकर उसे फेंक दिया गया, विवाहिता की जान तो किसी तरह से बच गई लेकिन उसके पेट में पल रहा बच्चा नहीं बच पाया। जब पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाते हुए शहर कोतवाली में प्रार्थना पत्र दिया तो पुलिस ने उसे अनसुना कर दिया। हार मानकर पीड़िता ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा के यहां न्याय की गुहार लगाई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद पति सहित करीब आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर रीमा चौहान पुत्री सुरेन्द्र चौहान ग्राम गोपालपुर घटिया थाना मेहनगर ने बताया कि उसकी शादी 11 जुलाई 2024 को करन चौहान पुत्र मंजीत ग्राम शेखपुरा थाना कोतवाली के साथ हिन्दु रीति रिवाज से हुई थी। शादी के पांच दिन बाद से ही पति करन, मंजीत (ससुर), निर्मला सास, शुभम (देवर), गुंजा (ननद) व परिवार के सभी लोग मुझे कम दहेज को लेकर ताना देने लगे तथा दहेज लाने के लिए दबाव बनाने लगे। काफी समझाने पर करन मुझे बम्बई लेकर गया, वहां भी मुझे दहेज के लिए कई बार मारा पीटा। मुझे थाना स्टेशन मुम्बई पर बुरी तरह मारपीट कर मरा समझ कर फेंक दिया था, परन्तु किसी तरह मेरी जान बच गई, जिसकी सूचना स्थानीय थाना पर दिया था। सूचना पर मेरे पापा मुझे लाये थे। उसकी मार से मेरा बच्चा खराब हो गया था। विवाहिता ने आरोप लगाया कि 6 मार्च को करन मंजीत, निर्मला, शुभम, गुंजा व परिवार के लोग एक राय होकर मुझे मुंह में कपड़ा डालकर जान से मारने की नियत से मारने पीटने लगे। करन अपनी दूसरी शादी करना चाहता है। जिसका मैं विरोध करती हूँ ससुराल में मुझे कोई बचाने नहीं आया। मैंने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई और कोतवाली थाना पर सूचना दिया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। विवाहिता के तहरीर के आधार पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद शहर कोतवाली में पति सहित करीब आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।