उप्र पुलिस के जांबाज दरोगा, जिनका नाम सुन थर्रा जाते हैं माफिया

Youth India Times
By -
0



सीने में लगी थी बदमाशों द्वारा चलाई गई गोली, ठीक होकर एनकाउंटर में किया ढेर
मिल चुका है राष्ट्रपति पुरस्कार, संत की शरण में जाकर पूछा यह सवाल..
आगरा। आगरा के बाह क्षेत्र के थाना चित्राहाट के बली का पुरा (मलियाखेड़ा का मजरा) गांव के दीवान सिंह के बेटे इंस्पेक्टर मुनेश कुमार मेरठ के पल्लवपुरम थाने के प्रभारी हैं। 1993 में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे। 28 मई 2022 को गाजियाबाद में तैनाती के दौरान नोएडा के एक लाख के इनामी बदमाश बिल्लू दुजाना, 50 हजार के इनामी बदमाश राकेश दुजाना के एनकाउंटर में शामिल रहे। 26 जनवरी को राष्ट्रपति से वीरता पुरस्कार मिला है। 22 जनवरी 2024 को मेरठ के कंकरखेडा में कार लूटकर भाग रहे बदमाश ने पीछा करने पर सीने में गोली मार दी थी। गाजियाबाद के मैक्स हास्पिटल में 7 घंटे चली सर्जरी में गोली निकाली जा सकी थी। ड्यूटी पर लौटकर गोली मारने वाले बदमाश को एनकाउंटर में ढेर कर दिया।
चचेरे भाई सुधीर सिंह ने बताया कि दीवान सिंह दो दिन पहले बाह के खिल्ली कनारी गांव में शादी में शामिल होने को आए थे। बाह और गांव में भी गए। वृंदावन से लौटने की बोल रहे थे, कह रहे थे ड्यूटी में मन नहीं लगता। उन्होंने बताया कि सीने में लगी गोली की सर्जरी के बाद से मुनेश कुमार की जीवन शैली बदल गई थी। धर्म कर्म में ज्यादा ध्यान लगाने लगे हैं। परिवार में पत्नी गुड्डी, बेटा अंकित, अंजली समेत दो बेटी हैं। एसआई मुन्नेश सिंह को 22 जनवरी को मुठभेड़ के दौरान सीने में गोली लग गई थी। मगर वह बच गए थे। अब वे संत प्रेमानंद महाराज की शरण में पहुंचे। एसआई मुन्नेश सिंह ने महाराज से कहा कि 22 जनवरी को जिस दिन राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी। उस दिन बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान उनके सीने में गोली लग गई थी। मेरी मृत्यु का समाचार भी जारी हो गया था, प्रभु कृपा से मैं बच गया। अब मेरा प्रश्न यह है कि मैं अपने पथ पर ऐसे ही चलता रहूं या प्रभु की शरण में आ जाऊं। मन विचलित रहता है, पश्चाताप कैसे होगा। जान बची तो आप में और ज्यादा विश्वास बढ़ गया। रात में जब भी समय मिलता है, आप को सुनने के बाद ही नींद आती है।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)