आजमगढ़ : एसकेडी में हर्षोल्लास से पूजी गयी वाग्देवी मां सरस्वती

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बसन्त से पेड़ पौधों में नये नये पत्ते आने लगते हैं जिन्हे देखकर नई ऊर्जा का संचार होता है-विजय बहादुर सिंह, संस्थापक
आजमगढ़। जहानागंज क्षेत्र के धनहुंआ स्थित एसकेडी विद्या मन्दिर एवं एसकेडी इण्टर कालेज में सोमवार को ज्ञान, ध्यान और विद्या की देवी मां सरस्वती का पावन पर्व बसंत पंचमी काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय हो उठा।
एसकेडी विद्या मन्दिर में कार्यक्रम की शुरूआत संस्थापक विजय बहादुर सिंह द्वारा एवं एसकेडी इण्टर कालेज में प्रबन्धक श्रीकान्त सिंह द्वारा मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन और माल्यापर्ण से हुई। वाग्देवी के भेष में सजी श्रेजा और कृतिका को देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो गये। सांस्कृतिक कार्यक्रमों आयुषी, मनस्वी, आस्था द्वारा वीणा वादनी शारदे संगीत पर किया गया नृत्य काफी पसंद किया गया। एसकेडी इण्टर कालेज में रिशू, संभवी, आनन्दी, तान्या, सृष्टि, अमृता और अंकिता द्वार प्रस्तुत कार्यक्रम काफी सराहा गया। अपने संबोधन में संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि बसन्त पंचमी के पावन पर्व से बसन्तोत्सव की शुरूआत होती है। यह ऐसा समय होता है जब चारो ओर पुष्प ही पुष्प दिखायी देते हैं। पेड़ पौधों में नये नये पत्ते आने लगते हैं जिन्हे देखकर नई ऊर्जा का संचार होता है। इसी ऊर्जा को भक्ति रस में सराबोर करते हुए ज्ञान, ध्यान की देवी मां सरस्वती की आराधना की जाती है। सृष्टि के आदि में प्रजापति ब्रह्मा ने सबसे पहले देवी सरस्वती को ही उत्पन्न किया क्योंकि ज्ञान के अभाव में सृजन संभव ही नही था।
कार्यक्रम में एसकेडी विद्या मन्दिर की प्रधानाचार्या प्रीती यादव, एसकेडी इण्टर कालेज के केके सरन ने भी अपने विचारों को रखा। आयोजन को सफल बनाने में सभी अध्यापक एवं अध्यापिकाओं का योगदान सराहनीय रहा।

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