वाराणसी। सब इंस्पेक्टर भाई की सगाई में जाने और खरीदारी को लेकर बजरंग नगर कॉलोनी में रहने वाली संगीता सिंह (46) की उनके पति सिक्योरिटी गार्ड चंद्रमोहन सिंह से कहासुनी हुई थी। कहासुनी के दौरान ही तैश में आकर चंद्रमोहन ने अपनी लाइसेंसी दोनाली बंदूक से संगीता की नाभि के ऊपर और पेट में बाएं तरफ गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी। ये बातें चंद्रमोहन से मंडुवाडीह थाने की पुलिस की पूछताछ में सामने आईं। उसे अदालत में पेश कर जिला जेल भेज दिया गया।
प्रतापगढ़ के रानीगंज थाना क्षेत्र के हुसैनपुर का मूल निवासी चंद्रमोहन सिंह चांदपुर क्षेत्र की बजरंग नगर कॉलोनी में किराये पर फ्लैट लेकर पत्नी संगीता और बेटे दिव्यांशु के साथ रहता था। बुधवार की शाम दिव्यांशु घर पर नहीं था। शाम लगभग पांच बजे संगीता की गोली मार कर हत्या करने के बाद चंद्रमोहन बंदूक लेकर घर से भाग गया था। रात लगभग 10 बजे वह शराब के नशे में धुत होकर छिपते हुए घर आया। ताला तोड़ कर अंदर घुसा और नकदी व सामान निकालने लगा। उसी दौरान सूचना पाकर मंडुवाडीह थानाध्यक्ष भरत उपाध्याय ने फोर्स के साथ छापा मारा और चंद्रमोहन को गिरफ्तार कर लिया। उसकी बंदूक और दो कारतूस पुलिस जब्त कर ली है। दिव्यांशु की तहरीर पर उसके पिता चंद्रमोहन के खिलाफ मंडुवाडीह थाने में हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस की पूछताछ में चंद्रमोहन ने बताया कि उसकी ससुराल प्रयागराज के करछना क्षेत्र के पुरैनी गांव में है। उसका एक साला मऊ जिले में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। आगामी दो मार्च को उसकी सगाई होनी है। सगाई में जाने और खरीदारी को लेकर बुधवार की सुबह से ही संगीता उससे कहासुनी कर रही थी। दोपहर बाद बेटा हस्तक्षेप कर संगीता को और उसे शांत करा दिया था। शाम के समय बेटे के घर से जाने के बाद संगीता फिर उसी बात को लेकर कहासुनी करने लगी। कहासुनी के दौरान ही उसने गुस्से में अपनी बंदूक से संगीता को दो गोली मार दी थी। पढ़ाई के साथ ही एक निजी फर्म में काम करने वाले दिव्यांशु का बिलखना देख पुलिस कर्मी भी भावुक हो गए। पुलिस कर्मियों ने दिव्यांशु को ढाढ़स बंधाया और कहा कि अब आगे का देखें। दिव्यांशु पुलिस कर्मियों से कह रहा था कि मुझसे बदनसीब भला कौन होगा? मां दुनिया में नहीं रहीं और पिता जेल चले गए। आगे कैसे और क्या होगा, समझ में नहीं आ रहा है। पुलिस कर्मी और ननिहाल से आए लोग दिव्यांशु को ढाढ़स बंधाते हुए लगातार समझा रहे थे।