मामले को दबाने में जुटे प्रशासनिक अधिकारी
सीतापुर। जिला खनन अधिकारी के साथ अभद्रता का मामला अभी थमा नहीं था कि बुधवार को सदर तहसील सभागार में दबंगों ने प्रशिक्षु महिला लेखपाल से अभद्रता कर जान से मारने की धमकी दे डाली। मामले की तहरीर भी तैयार की गई, पुलिस आरोपी को तहसील से हिरासत में लेकर गई। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के दबाव में पीड़िता ने तहरीर ही नहीं दी। इस कारण पुलिस भी केस दर्ज नहीं कर पाई। नतीजतन आरोपियों को वार्निंग देकर छोड़ दिया गया। पीडिता स्मृति मिश्रा के मुताबिक वह तहसील सदर सीतापुर में प्रशिक्षु लेखपाल पद के रूप में तैनात हैं। वह अर्थलिया ग्रंट क्षेत्र में तैनात हैं। आरोप है कि इसी क्षेत्र के गांव कौरैया रावतपुर निवासी एक प्रधानपति एक दो महीने से उनपर अनावश्यक दबाव बना रहे हैं। बीते पांच नवंबर को आरोपी ने रात में काल करके धमकी दी। आरोपी ने पीड़िता को धमकाया कि अगर क्षेत्र में नौकरी करनी है, तो मेरे कहे के अनुसार ही करना पड़ेगा वरना क्षेत्र में रुकने नहीं दूंगा। बीती 19 नवंबर को आरोपी के दोनों पुत्र अपने पिता के धान को बेचने के लिये धान सत्यापन के कागज लेकर पीड़िता के पास आए। आरोपियों ने बिना जांच किये ही उसपर आख्या प्रेषित करने के लिए दबाव बनाया। लेखपाल ने जांच करने के लिये कुछ समय लगने की बात कही। आरोप है कि धान की मात्रा व भूमि समानुपाती नहीं थे। इस वजह से जांच की बात कही तो आरोपी मारपीट पर अमादा हो गए। आरोपियों ने धमकी दी कि उनके क्षेत्र में कार्य नहीं कर पाओगी, जान से हाथ धोना पड़ेगा। यह भी कहा कि कल तुम इस्तीफा दे दो। बुधवार को आरोपी तहसील पहुंचे और महिला लेखपाल से मारपीट के लिए आमादा हो गए। उन्होंने महिला लेखपाल से अभद्रता की। वहीं, बीच बचाव करने वाले पर्यवेक्षणीय लेखपाल सुरेंद्र कुमार को जमकर पीटा। घटना से तहसील सदर परिसर में हड़कंप मच गया। शहर कोतवाल अनूप शुक्ला ने बताया कि उनको मामले की कोई तहरीर नहीं मिली है।