ध्वजारोहण के पश्चात बच्चों ने जयघोष के साथ गाया राष्ट्रगान
स्वतंत्रता सेनानियों की भावना हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी-गौरव अग्रवाल, प्रबन्धक
आजमगढ़। 26 जनवरी को 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल, प्रबंधक गौरव अग्रवाल, प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका सारस्वत पाण्डेय ने ध्वजारोहण समारोह के साथ किया। ध्वजारोहण के पश्चात बच्चों ने जयघोष के साथ राष्ट्रगान गाया। एन.सी.सी. के बच्चों ने मार्चपास्ट के साथ तिरंगे को सलामी दी। ‘मैं रहूं न रहूं मगर ये देश रहे’ की संकल्पना को सजीव करते हुए बच्चों ने राष्ट्र को समर्पित गीत प्रस्तुत करके श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। ‘वो देश मेरे’ के बोल पर विद्यालय के सीनियर वर्ग की छात्राओं ने देशभक्ति पर मधुर गीत प्रस्तुत किया। जहां चक दे इंडिया पर छात्राओं ने मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया वहीं ‘भारत की बेटी’ विषय के आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति पर संपूर्ण परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। गणतंत्र दिवस की महत्ता की
व्यापकता को प्रसारित करते हुए बच्चों ने अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में अपने अपने विचार अभिव्यक्त किए। कार्यक्रम के इस अवसर पर आजमगढ़ महोत्सव के तत्वाधान में आयोजित फुटबॉल प्रतियोगिता में प्रतिभाग किए प्रतिभागियों को विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल प्रबंधक गौरव अग्रवाल एवं प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका सारस्वत पाण्डेय ने पुरस्कृत करते हुए पाठ्येत्तर विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया। विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस नागरिकों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है क्योंकि यह उस क्षण को चिह्नित करता है जब भारत का संविधान लागू हुआ था। इस दिन, भारत ने समानता, धर्मनिरपेक्षता और स्वशासन के लिए प्रतिबद्ध एक गणतंत्र के रूप में अपनी पहचान अपनाई। विद्यालय के प्रबंधक गौरव अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की भावना हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी क्योंकि हम एक मजबूत, अधिक समृद्ध भारत का निर्माण कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ!” “इस गणतंत्र दिवस पर, आइए हम खुद को लोकतंत्र, न्याय और समानता के आदर्शों के लिए फिर से समर्पित करें। विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका सारस्वत पाण्डेय ने बताया कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस की थीम विकसित भारत और भारत-लोकतंत्र की मातृका है जो देश की आकांक्षाओं और लोकतांत्रिक लोकाचार का प्रतीक हैं। उन्होंने संविधान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान वह सत्ता है जो, सर्वप्रथम, सरकार बनाती है। संविधान का दूसरा काम यह स्पष्ट करना है कि समाज में निर्णय लेने की शक्ति किसके पास होगी। संविधान यह भी तय करता है कि सरकार कैसे निर्मित होगी। यूरोपीय संघ के देशों ने एक यूरोपीय संविधान बनाने की कोशिश की। विद्यालय की उपप्रधानाचार्या श्रीमती मधु पाठक ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।