आजमगढ़: अस्पताल के कर्मचारियों के मनमाने रवैए से सरकार के शाख में लग रहा बट्टा

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पत्नी का मेडिकल करवाने के लिए दर-दर भटक रहा दिव्यांग सेना का जवान
आजमगढ़। प्रदेश सरकार जहां लोगो को इलाज का दावा कर रही है तो वही अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा मनमाने रवैए से सरकार के शाख में बट्टा लगाने का काम कर रहे है। ऐसा ही मामला मंगलवार को देखने को मिला देश की खातिर अपना पैर गवांने वाले सेना के रिटार्यट जवान को पत्नी का मेडिकल मुआयना के दर-दर भटक रहा है। उच्चअधिकारियों के आदेश पर एसआइसी और रेडियोलाजिस्ट ने लौटा दिया।
बलिया के रसड़ा थाना क्षेत्र के पूरा दलईतिवारी गांव निवासी भरत तिवारी सेना के जवान थे। लगभग दस वर्ष पूर्व देहरादून में ड्यूटी के दौरान उन्हें दाहिना पैर गवाना पड़ा था। उन्होंने आरोप लगाते बताया कि दो दिन पूर्व रास्ते के विवाद को लेकर विपक्षी ट्रैक्टर से पत्नी कमलावती को घायल कर दिया था। उस दौरान लोगो ने आनन-फानन नजदीकी सीएचसी ले गए जहां डाक्टर ने बलिया जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जिला अस्पताल पहुंचे तो दवा और इलाज भी बिना मेडिकल मुआयना हुए नही हो पाया। जिसके लिए मुआयना करवाने के लिए गए तो पता चला कि रेडियोलाजिस्ट बीस दिनो से तबीयत खराब होने के चलते पीजीआई में भर्ती है। इसके अभाव में इलाज के परेशानियां बढने लगी। उच्चअधिकारियां से मेडिकल कराने की गुहार लगाई तो मंडलीय जिला अस्पताल आजमगढ़ के लिए रेफर कर दिया। अस्पताल पहुंचकर मुआयना कक्ष में गए तो रेडियोलाजिस्ट ने बीमारी का बहाना बनाते हुए एडी स्वास्थ्य से आदेश के लिए टरका दिया। हद तो तब हो गई जब एडी स्वास्थ्य के आदेश के बावजूद भी उसका मुआयना नही हुआ। पीड़ित अस्पताल में एक किनारे बैठकर रोने लगा, मरीज दिखाने आए लोगो ने कारण पूछा तो उसने बताया कि देश कि सेवा के दौरान मैने एक पैर गवा दिया। अधिकारी के आदेश के बाद भी पत्नी का मेडिकल मुआयना नही हो रहा है यह कर फूट-फूट कर रोने लगा वहां खड़े हर किसी की आंखो में आसू आ गए। एसआइसी डा.आमोद कुमार ने बताया कि पहले मुझे मामले के बारे में जानकारी नही थी, लेकिन कुछ लोगो ने आकर मुझे अवगत कराया तो उसका मेडिकल मुआयना लगभग दो बजे कराया गया।

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