आजमगढ़: तत्कालीन डीएम अदालत में हुए हाजिर, कराई जमानत

Youth India Times
By -
0
कब्जा हटाने की फर्जी रिपोर्ट लगाने और आदेश की फाइल दबाने का मामला
आजमगढ़। रास्ते और नवीन परती भूमि पर कब्जे के एक मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी राजेश कुमार गत सोमवार को सीजेएम कोर्ट में पेश हुए और अपनी जमानत कराई। साथ ही अवमानना मामले में जारी गैर जमानती वारंट को स्थगित करने का अनुरोध किया। कोर्ट ने तत्कालीन जिलाधिकारी को जमानत दे दी, लेकिन 14 दिसंबर को हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश भी दिया।
सगड़ी तहसील के रमाशंकर यादव और कांता यादव के बीच रास्ते और नवीन परती भूमि का विवाद चल रहा था। रमाशंकर यादव ने तहसील प्रशासन से शिकायत थी कि कांता यादव ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके मकान बनवाया है। तहसीलदार की अदालत में मुकदमा भी चला और 2012 में कांता यादव को बेदखल करने का आदेश पारित हुआ। इसके बाद कांता ने एसडीएम कोर्ट में अपील की और एसडीएम रहे रामनरेश पाठक ने 2013 में जमीन कांता के बेटे के नाम आबादी के रूप में दर्ज कर दी। बाद में मामला तत्कालीन डीएम राजेश कुमार की कोर्ट में पहुंचा। तत्कालीन डीएम ने एसडीएम के आदेश को खारिज कर दिया। तब कांता यादव ने मंडलायुक्त का दरवाजा खटखटाया। हालांकि मंडलायुक्त कोर्ट ने भी कांता का आवेदन खारिज कर दिया, फिर मामला हाईकोर्ट पहुंचा। 
कब्जा हटाने की फर्जी रिपोर्ट लगाने और आदेश की फाइल दबाने का मामला
हाईकोर्ट ने नवीन परती भूमि संबंधी मामले में कांता को राहत दी, लेकिन रास्ते की जमीन को खाली कराने का आदेश पारित कर दिया। यह आदेश कोरोना काल में जारी हुआ था। हाईकोर्ट का आदेश डीएम के माध्यम से सगड़ी तहसील पहुंचा था। लेखपाल रिकेश यादव सहित अन्य राजस्व कर्मियों ने भूमि को कब्जा मुक्त करने की फर्जी रिपोर्ट भी भेज दी। इसी मामले में रमाशंकर यादव ने अवमानना वाद दाखिल कर दिया। उनका कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी रास्ते की जमीन कब्जा मुक्त नहीं कराई गई। इसका संज्ञान सीजेएम कोर्ट ने लिया और 16 अगस्त 2023 को आजमगढ़ के डीएम को एक महीने के अंदर कब्जा हटाकर रिपोर्ट देने का आदेश दिया। इससे पहले ही डीएम राजेश कुमार का स्थानांतरण हो गया था। कोर्ट के आदेश पर अमल नहीं हुआ और तहसील प्रशासन ने मामला दबाए रखा। 16 अक्तूबर तक मामले का निपटारा नहीं हुआ तो सीजेएम कोर्ट ने तत्कालीन डीएम राजेश कुमार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही राजेश कुमार सोमवार को आजमगढ़ पहुंचे और सीजेएम कोर्ट में हाजिर होकर अपनी जमानत कराई। उन्होंने वारंट निरस्त करने का प्रार्थना पत्र भी दिया है।
जिलाधिकारी आजमगढ़ विशाल भारद्वाज ने बताया कि एक पुराने मामले में कोर्ट ने तत्कालीन डीएम को नोटिस दिया था, जो उन्हें नहीं मिला था। इस पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। वह सीजेएम कोर्ट में हाजिर हुए और जमानत कराई है।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)