आजमगढ़: आईएस आतंकी रिजवान की गिरफ्तारी से फिर चर्चा में जनपद

Youth India Times
By -
0
माड्यूल्स की पड़ताल नए सिरे से शुरू, पहचान स्पष्ट नहीं

आजमगढ़। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से कनेक्शन मामले में गिरफ्तार रिजवान अली उर्फ मौलाना की गिरफ्तारी के बाद से एनआईए सहित अन्य खुफिया एजेंसियों की नजर एक बार फिर यूपी के आजमगढ़ की ओर हो गई है। यह अब तक साफ नहीं हो सका है कि रिजवान अली आजमगढ़ का निवासी है कि नहीं। यह पहला मौका नहीं जब आजमगढ़ जिले से किसी आतंकवादी की गिरफ्तारी हुई हो। इसके पहले अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट, मुंबई ब्लास्ट, वाराणसी ब्लास्ट और टी-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार की हत्या और बाटला हाउस एनकाउंटर में भी आजमगढ़ के युवकों का नाम आया। पिछले साल ही अगस्त में आईसआईएस से जुड़े आतंकी आजमगढ़ के ही मेहमूदापुरा अमिलो मुबारकपुर सबाउद्दीन आजमी को दबोचा गया था। बीते 30 साल से देश में कहीं भी आतंकी घटनाएं होती हैं, तो उसके तार आजमगढ़ से कहीं न कहीं जुड़ते रहे। सिमी, इंडियन मुजाहिदीन और इस्लामिक स्टेट (आईएस) का जिक्र होता है तो आजमगढ़ सुर्खियों में आ जाता है। जयपुर, अहमदाबाद, दिल्ली में हुई आतंकी घटनाओं में जिले के युवक आरोपी हैं और इनमें से कई जेल में हैं। कई मुठभेड़ में मारे भी गए हैं। 12 मार्च 1993 को मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाके हुए। इनमें 250 लोगों से ज्यादा की जान गई और सैकड़ों लोग घायल हुए। इस आतंकी घटना में फिलहाल उम्रकैद की सजा काट रहे अबू सलेम अब्दुल क्यूम अंसारी का नाम सामने आया था। साल 2021 और साल 2022 में भी आतंकवादियों से कनेक्शन को लेकर आजमगढ़ का नाम सामने आया था।
साल 1997 में मुंबई के जुहू इलाके में कैसेट किंग कहने जाने वाले टी-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वारदात में जो असलहे इस्तेमाल किए थे उनपर मेड इन बम्हौर लिखा था। तफ्तीश में ये सामने आया कि आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर थाना अंतर्गत बम्हौर एक गांव है, जहां धड़ल्ले से अवैध असलहे बनाए जाते हैं। जांच के दौरान मुंबई पुलिस जिले में भी आई थी। वर्तमान में बम्हौर गांव में अवैध असलहा बनाने की फैक्ट्री तो बंद हो चुकी है। अगस्त 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में सक्रिय 328 आतंकियों की सूची जारी की। इनमें आजमगढ़ जिले के छह से अधिक संदिग्धों के भी नाम शामिल हैं। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आतंकियों की सूची में आजमगढ़ के रहने वाले डॉ. शहनवाज, बड़ा साजिद, मो. खालिद, मिर्जा, एहतेशाम बेग, वाशिद बिल्ली, शादाबा आदि के नाम शामिल हैं। यह सभी संदिग्ध दिल्ली में हुए बाटला एनकाउंटर के बाद से ही फरार हैं।
कभी साहित्य की दिग्गज हस्तियों शिबली नोमानी, अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ और कैफी आजमी की जन्मस्थली के रूप में मशहूर आजमगढ़ वर्ष 2008 के अहमदाबाद सिलसिलेवार बम धमाका मामले में अदालत के फैसले के बाद से आतंकी कनेक्शन के ठप्पे से जूझ रहा है। आजमगढ़ के निवासी इस पर नाराजगी जताते हुए कहते हैं कि इस कलंक ने युवाओं की विकास की संभावनाओं को बाधित किया है। वर्ष 2008 के अहमदाबाद सिलसिलेवार बम धमाका मामले में जिले के पांच निवासियों को मौत की सजा और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)