पैदा होते ही हुए जुदा: अल्ट्रासाउंट में दो थे

Youth India Times
By -
0
अस्पताल में हुआ सीजर तो एक लापता
मां बोली- मैंने दो आवाज सुनी
कानपुर। कानपुर में कल्याणपुर के एक निजी अस्पताल में फतेहपुर के दंपती के साथ ऐसा खेल हुआ कि वे भौचक्के रहे गए। दरअसल, युवक की पत्नी जुड़वां बच्चों को जन्म देने वाली थी। अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद एक ही बच्चा पैदा होने की जानकारी दी, तो अचंभे में पड़ गए। पीड़ित ने मौके पर पुलिस बुलाई और अस्पताल प्रबंधन पर एक बच्चा गायब करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अब परिजनों ने कोर्ट की शरण ली है। फतेहपुर के कलिलनगर निवासी अनुराग सचान प्राइवेट नौकरी के साथ किसानी भी करते हैं। उनकी पहले से दो बेटियां अनन्या (10) व काव्या (6) हैं। पत्नी सोनी सचान (32) फिर से गर्भवती हुई। आठ माह पूरे होने पर सोनी की अच्छी देखरेख के लिए अनुराग ने उन्हें सितंबर के आखिर में कानपुर देहात के अकबरपुर में रहने वालीं उनकी मौसी मंजू के घर भेज दिया।
26 जुलाई को अचानक सोनी को पेट में दर्द उठा, तो परिजन उन्हें अकबरपुर के एक बड़े अस्पताल में ले गए। अनुराग के अनुसार वहां डॉक्टरों ने सोनी का अल्ट्रासाउंड किया, तो जुड़वां बच्चों के होने की जानकारी दी। सोनी को स्क्रीन पर शिशुओं की हरकतें भी दिखाई गईं। अस्पताल ने जो रिपोर्ट दी, उसमें भी जुड़वा बच्चों और उनका अलग-अलग वजन, अलग-अलग पल्स का भी जिक्र है। यह भी बताया गया कि दोनों बच्चे करीब 35 सप्ताह के हैं।
अनुराग के अनुसार सोनी की एक रिश्तेदार कल्याणपुर के आवास विकास एक स्थित निजी अस्पताल में नर्स है। पत्नी के प्रसव के संबंध में उनसे संपर्क किया। दो अगस्त को उन्हीं के जरिये अस्पताल में भर्ती कराया। अनुराग ने बताया कि डॉक्टरों ने भी अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट देखने के साथ ही हाथ से जांच करने के बाद जुड़वां बच्चों का दावा किया था।
ऑपरेशन के बाद एक ही बच्चा सौंपा गया। जब उन्होंने दूसरे बच्चे के विषय में पूछा तो आनाकानी शुरू कर दी गई। उन्होंने इमरजेंसी नंबर 112 पर कॉल करके पुलिस को मौके पर बुलाया। पुलिस ने काफी देर तक डॉक्टरों और परिजनों से बात की, लेकिन उन्हें खुद भी कुछ समय नहीं आया तो लौट गए। अनुराग के अनुसार उन्होंने अकबरपुर और कल्याणपुर स्थित दोनों अस्पतालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए कोर्ट में अपील की है।
प्रसूता सोनी ने बताया कि डॉक्टरों ने उनकी आंख पर रुई रखी थी। एनेस्थीसिया के कारण वह बेहोशी की हालत में थी, लेकिन उन्होंने दो बच्चों के रोने की आवाज सुनी थी। उन्होंने आंख से रुई हटाने की कोशिश की। आरोप है कि तभी किसी ने कहा देखो होश आ रहा है और फिर किसी ने एक इंजेक्शन और लगाया, जिससे वह पूरी तरह से बेहोश हो गई। जब होश आया तो गोद में एक बेटी दी गई।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)