आजमगढ़ : शहीद की बहनों से राखी बंधवाते हैं इफ्तेखार

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16 साल से रेशम की डोर में बंधा सौहार्द का रिश्ता
आजमगढ़। जीयनपुर स्थित नवोदय विद्यालय में वार्डेन के पद पर तैनात इफ्तेखार आजमी और नत्थूपुर गांव के कारगिल शहीद रमेश यादव की बहनों की भाई-बहन का अटूट रिश्ता इसका उदाहरण है। इफ्तेखार हर साल राखी बंधवाना और मकर संक्रांति पर खिचड़ी देना नहीं भूलते हैं। बीते 16 वर्षों से इफ्तेखार भाई का धर्म निभाते चले आ रहे हैं। गुरुवार को भी वह शहीद रमेश के घर पहुंचे और उसकी बहनों से राखी बंधवाने के साथ उपहार दिए।
रिश्ते धर्म-संप्रदाय और जाति-बिरादरी नहीं देखते। यह भावनाओं और मर्यादाओं का मामला है। आजमगढ़ के जीयनपुर स्थित नवोदय विद्यालय में वार्डेन के पद पर तैनात इफ्तेखार आजमी और नत्थूपुर गांव के कारगिल शहीद रमेश यादव की बहनों की भाई-बहन का अटूट रिश्ता इसका उदाहरण है। इफ्तेखार हर साल राखी बंधवाना और मकर संक्रांति पर खिचड़ी देना नहीं भूलते हैं। बीते 16 वर्षों से इफ्तेखार भाई का धर्म निभाते चले आ रहे हैं। गुरुवार को भी वह शहीद रमेश के घर पहुंचे और उसकी बहनों से राखी बंधवाने के साथ उपहार दिए।
रमेश की दो बहनों चंद्रकला और शशिकला के सिर से भाई का साया उठ गया। उन्हें हर मौके पर भाई की कमी खलने लगी। इसकी जानकारी हुई तो इफ्तेखार आजमी आगे आए। उन्होंने ठाना कि शहीद की बहन का सगा भाई रमेश तो नहीं बन सकता पर भाई की जिम्मेदारी हर स्तर पर निभा सकते हैं। हैं।
रमेश की बहनों को अपनी बहन मान वह हर साल राखी बंधवाते हैं। शहीद की बहनों ने भी इन्हें कभी अपने भाई से इतर नहीं समझा। मजहब के बंधन तोड़ इफ्तेखार की इस परंपरा को लोग सराहते।

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