आजमगढ़ : कागजों में चल रही है बाढ़ से निपटने की तैयारी

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अभी तक नहीं जोड़े गए दर्जनों गांव के पिछले साल के कटे संपर्क मार्ग
प्रधानों ने किया बयान शिकायत के बाद भी नहीं सुनते हैं अधिकारी
लाटघाट/आजमगढ़। बरसात के साथ नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। प्रदेश सरकार द्वारा जहां स्थानीय स्तर पर बाढ़ को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद रहने का निर्देश दिया गया है वहीं कुंभकरण नींद में सो रहे प्रशासन का जनपद के सबसे ज्यादा बाढ़ ग्रसित क्षेत्र की तरफ ध्यान नहीं जा रहा। ग्रामीणों का माने तो बाढ़ के प्रति तैयारी सिर्फ कागजों में दिखाई दे रही है। पिछले वर्ष बाढ़ से कटे दर्जनों संपर्क मार्ग अभी गांव से जोड़े नहीं गए हैं।
बता दें कि आजमगढ़ जिले के उत्तरी छोर पर बहने वाले घाघरा नदी के जलस्तर में घटाव बढ़ाव जारी है। जिसके चलते घाघरा नदी ने अपने तटवर्ती क्षेत्रों में कटान शुरू कर दिया है। हरैया विकास खंड के सहबदिया सुल्तानपुर ग्राम पंचायत में अब तक दर्जनों किसानों की सैकड़ों बीघा जमीन घाघरा नदी मैं विलीन हो चुकी है। तहसील प्रशासन का कोई अधिकारी कर्मचारी अभी तक नहीं पहुंचा है।
विदित हो कि पिछले वर्ष 2022 की बाढ़ के समय चक्की, हाजीपुर, देवारा, अभ्भनपटी, खासराजा,भदौरा हाजीपुर शाहडीह बांका, बुढ़नपट्टी सहित दर्जनों गांव के संपर्क मार्ग कट गए थे। उनका मरम्मत अभी तक नहीं कराई नहीं गई है। फिर बाढ़ आने को है, ग्रामीणों को कमर भर पानी में गांव तक जाना पड़ेगा। सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूली बच्चों को होती है।
देवारा खास राजा के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राम सिंगर यादव ने बताया कि हमारी ग्राम पंचायत में पिछली बाढ़ दर्जनों संपर्क मार्ग कट गए हैं, जिनकी अभी तक मरम्मत नहीं कराई गई है।
हीरालाल यादव ग्राम प्रधान बांका ने बताया कि कई बार प्रशासन से कटे हुए संपर्क मार्गों का मरम्मत कराने के लिए कहा गया लेकिन अभी तक उस पर कोई अमल नहीं किया गया।
अवधेश यादव ग्राम प्रधान अर्बन पट्टी ने बताया कि बंदे से अर्बन पट्टी संपर्क मार्ग से दर्जनों गांव का आवागमन होता है लेकिन अभी तक संपर्क मार्ग का जो बाढ़ में कटकर बढ़ गया था मरम्मत नहीं हो पाया। बाढ़ से निपटने की तहसील प्रशासन की तैयारी सिर्फ कागजों में हो रही है।

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