अतीक अहमद के परिवार के सदस्य को टिकट देने की बात पर मायावती की दो टूक

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लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि काफी सस्पेंस और लंबे इंतजार के बाद नगर निकाय चुनाव की घोषणा स्वागतयोग्य है, पर चुनाव निष्पक्ष होने चाहिए। सरकारी पक्षपात और अनुचित दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए। वह सोमवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रही थीं। उन्होंने कहा कि सरकारी जोड़-तोड़ के कारण इस चुनाव में एससी-एसटी, ओबीसी और महिलाओं के लिए जो आरक्षण की व्यवस्था की गई है, उसमें कई नियमों को ताक पर रखा गया है। नगर निगम में चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से कराए जाने चाहिए। उन्होने यह भी कहा कि बसपा मजबूती से यह चुनाव लड़ेगी। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा के लोग भी सपा की तरह ही इस चुनाव को चुनौतीपूर्ण मानकर जिस प्रकार के हथकंडे अपनाने में लगे हैं, वह अनुचित है। अब भाजपा और आरएसएस का पसमांदा मुस्लिम समाज का नया शिगूफा सामने आया है। सही बात यह है कि मुस्लिम समाज के प्रति भाजपा की घातक नीयत किसी से छिपी नहीं है। कांग्रेस व सपा की पिछली सरकारों और अब भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण पूरा प्रदेश ही पसमांदा बन गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के मिथ्या प्रचारों, लुभावने वादों व भड़काऊ भाषणों से सभी को सावधान रहना होगा।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता या उसके परिवार के किसी भी सदस्य को चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक की पत्नी का नाम आने पर अब स्थिति बदल गई है। शाइस्ता को पार्टी में रखा जाएगा या नहीं, इसका फैसला उसके पुलिस गिरफ्त में आने के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर लिया जाएगा। मायावती ने कहा कि बसपा कानून से ऊपर नहीं है। वह कानून का पूरा सम्मान करती है। गौरतलब है कि बसपा ने पूर्व में शाइस्ता को प्रयागराज से महापौर का प्रत्याशी घोषित किया था।

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