आजमगढ़: दो पत्नियों ने असली पत्नी हम हैं का किया दावा

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अपना वंश चलाने के लिए साली को पत्नी के रूप में रखने का मामला
अधिकारियों और प्रधानों के हाथों में निर्णय की जिम्मेदारी, छूटे पसीने
आजमगढ़। जिले के एक गांव में पूना से आई दो पत्नियों ने असली पत्नी हम हैं का दावा ठोक रही हैं। वहीं गांव के लोग बीते तीन दिनों से यह निर्णय नहीं कर पायें कि असली पत्नी कौन है? इस मामले को लेकर गांव में आज फिर से पंचायत चल रही है। अब देखना है कि इस पंचायत में कोई ठोस निर्णय हो पाता है या नही! यह अजीबोगरीब मामला जिले के तहबरपुर ब्लाक अंतर्गत भोर्रा गांव की है। भोर्रा गांव निवासी रामजीत यादव की शादी कुछ वर्ष पूर्व कल्पना यादव से हुई थी। कल्पना से रामजीत यादव का कोई संतान नहीं हुआ।
कुछ साल बाद रामजीत यादव ने अपना वंश चलाने के लिए कल्पना की छोटी बहन (साली) पार्वती को पत्नी के रूप में रख लिया। इस मामले में रामजीत ने अपनी पहली पत्नी कल्पना से सहमति लिया था। रामजीत जीविकोपार्जन के लिए दोनों पत्नी कल्पना व पार्वती को लेकर महाराष्ट्र के पूना शहर में रहने लगे। पार्वती से रामजीत को एक संतान हुआ। इधर लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व रामजीत यादव की मौत हो गयी। निधन के बाद रामजीत के छोटे भाई कन्हैया रामजीत के हिस्से की सारी प्रापर्टी अपने बड़े भाई की पहली पत्नी (भाभी) कल्पना के नाम करवाने का निर्णय लिया।
इधर इस बात की जब जानकारी रामजीत की दूसरी पत्नी पार्वती को हुई तो वह अपना बच्चा लेकर बहन (सौतन) कल्पना के साथ पूना से अपने ससुराल ग्राम भोर्रा आ गयी। ससुराल आने के बाद प्रापर्टी को लेकर रामजीत की दोनों पत्नियों (बहनों) के बीच आपस में विवाद हो गया। दूसरी पत्नी पार्वती का कहना है कि रामजीत से उसका एक बच्चा हुआ है, इसलिए पति रामजीत की प्रापर्टी उसे मिलनी चाहिए। दोनों पत्नियों के बीच विवाद के चलते कन्हैया हाईकोर्ट में केस दायर कर दिया। कुछ दिन पूर्व हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि जिला प्रशासन दो माह के अंदर अपने स्तर से इस मामले का निस्तारण कराए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामले के निस्तारण के लिए तहबरपुर ब्लाक के एडीओ पंचायत, दो सेक्रेटरी व 8 गांव के ग्राम प्रधान की एक कमटी गठित हुई।
गठित कमेटी बीते 3 दिन से मामले के निस्तारण के लिए ग्रामीणों की उपस्थित में बैठक कर रही है, लेकिन दोनों पत्नियां रामजीत की प्रापर्टी पाने लिए अड़ी हुई हैं। उनकी जीद के चलते ठोस निर्णय लेने में एडीओ पंचायत, दो सेक्रेटरी व 8 गांव के ग्राम प्रधानों के पसीने छूटने लगे हैं। 3 दिन में निर्णय नहीं हो पाया कि रामजीत की असली कौन पत्नी है ? मामले का निस्तारण के लिए बुधवार को पुनः बैठक हो रही है। इस बैठक में कमेटी के सभी लोग फैसला करेंगे कि रामजीत की असली पत्नी कौन है।

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