जब पुलिस के सामने हुई थी बीजेपी के दर्जा प्राप्त मंत्री की हत्या
By -Youth India Times
Monday, April 17, 2023
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दो दरोगा समेत 20 पर दर्ज हुआ थी एफआईआर कानपुर। प्रयागराज में पुलिस कस्टडी रिमांड में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई की अशरफ की हत्या कोई पहली वारदात नहीं है। इससे पहले भी पुलिस के सामने कई हत्याएं हो चुकी हैं। वर्ष 2001 में दहशतगर्द विकास दुबे ने शिवली थाने में घुसकर बीजेपी सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष शुक्ला की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। वहीं वर्ष 2005 में डीटू गैंग के सरगना रफीक की भी पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में आरोपी को उम्रकैद की सजा मिली थी। कानपुर देहात में शिवली कोतवाली के अंदर 12 अक्तूबर 2001 को प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री (श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन) संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें दहशतगर्द विकास दुबे को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया था। बाद में अदालत में पुलिसकर्मी और अन्य गवाह मुकर गए थे। उन्होंने अदालत में कहा था कि संतोष शुक्ला की हत्या करते उन्होंने विकास दुबे को नहीं देखा, जिसके बाद सुबूतों के अभाव में 2005 में अदालत ने विकास दुबे को दोषमुक्त करार दिया था। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में विकास दुबे का नाम चर्चा में आ गया था। डीटू गैंग के सरगना रफीक की भी पुलिस अभिरक्षा में दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या की गई थी। दरअसल वर्ष 2004 में हरबंश मोहाल के हीर पैलेस टॉकिज के पास डीटू गैंग और एफटीएफ के बीच हुई मुठभेड़ हो गई थी। इस दौरान एसटीएफ के एक सिपाही धर्मेंद्र सिंह चौहान शहीद हो गए थे। एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में डीटू गैंग के दो सदस्य समीम उर्फ दुरग्गा और जमशेद उर्फ भइया को मार गिराया था। वारदात में एके 47 का प्रयोग किया गया था। मामले में डीटू गैंग का सरगना रफीक वांटेड था। करीब नौ माह बाद पुलिस ने रफीक को कोलकाता से दबोच लिया था। इसके बाद उसे रिमांड पर शहर लाया गया था। यहां कोर्ट के आदेश पर उसे एके 47 की बरामदगी के लिए जूही यार्ड के पास ले जाया गया, यहां पर रफीक पर पुलिस अभिरक्षा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने वारदात के पीछे गैंग वॉर बताई थी। मामले में डी 34 गैंग का सरगना परेवज, बहार खान व गुलाम को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने परवेज को एनकाउंटर में मार गिराया था। गुलाम की मौत गैंगवॉर में हो गई थी। 2019 में बहार खान को उम्र कैद की सजा दे दी गई थी। इसी तरह 26 अक्तूबर 2021 को चौबेपुर के पनऊपुरवा में चुनावी रंजिश में पुलिस की मौजूदगी में किसान आनंद कुमार कुरील की हत्या की गई थी। दो दरोगा समेत 20 पर एफआईआर दर्ज हुई थी।