मऊ : लगातार तीसरे माह भी विकास कार्यक्रमों के संदर्भ में जारी प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में जनपद मऊ को प्रथम स्थान

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जिलाधिकारी के प्रयासों से अप्रैल 2022 के 74 वी रैंक से लगातार तीसरी बार प्रथम स्थान प्राप्त करने में सफल रहा जनपद
रिपोर्ट-मुरली मनोहर पाण्डेय
मऊ। कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग द्वारा विकास कार्यक्रमों के संदर्भ में फरवरी माह के विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट के आधार पर जारी प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में जनपद मऊ ने पुनःप्रथम स्थान प्राप्त किया है। ज्ञातव्य है कि दिसंबर एवम् जनवरी माह के विकास कार्यों के प्रगति के संबंध में जारी रैंकिंग में भी जनपद मऊ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था। जनपद मऊ में लागू कुल 55 विकास कार्यक्रमों में जनपद ने सभी निर्धारित सूचकांकों में ए ग्रेड प्राप्त करते हुए जनपद के लिए निर्धारित अंको का शत प्रतिशत हासिल कर प्रदेश में पुनःप्रथम स्थान प्राप्त किया है। विकास कार्यक्रमो की प्रगति की समीक्षा कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग द्वारा प्रतिमाह जनपद में किए जा रहे विकास कार्यों के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष प्राप्ति के आधार पर किया जाता है। एक विकास कार्यक्रम के तहत 5 अंक निर्धारित होते हैं।इस प्रकार जनपद के लिए कुल 275 अंक निर्धारित थे।कार्यों की प्रगति का निर्धारण ग्रेड ए,बी,सी,डी, के आधार पर किया जाता है। ए ग्रेड प्राप्त होने पर शत प्रतिशत अंक प्रदान किए जाते है। जनपद मऊ ने दिसंबर एवम् जनवरी माह की भांति ही फरवरी में भी निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष सभी कार्यक्रमों में ए ग्रेड प्राप्त करते हुए शत प्रतिशत अंक प्राप्त किया, जिसके कारण जनपद को प्रदेश में पुनःप्रथम स्थान प्राप्त हुआ। ज्ञातव्य है कि अप्रैल 2022 की जारी रैंकिंग में जनपद का 74 वां स्थान था,परंतु जिलाधिकारी श्री अरुण कुमार के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जनपद में कराए जा रहे विकास कार्यों की नियमित समीक्षा एवं आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने, विकास कार्यों की प्रगति को शीर्ष प्राथमिकता पर रखते हुए कार्य कराए जाने के कारण यह संभव हो पाया है। साथ ही जिला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों की मेहनत भी जनपद को प्रथम स्थान दिलाने में सहायक रही। इस हेतु जिलाधिकारी द्वारा नियमित मासिक समीक्षा बैठकों के अलावा विभाग वार समीक्षा बैठकों हेतु जारी कैलेंडर का भी प्रमुख योगदान है, जिसके माध्यम से विकास कार्यों की नियमित मानिटरिंग जिलाधिकारी के माध्यम से होती है। जिलाधिकारी द्वारा स्वयं विकास कार्यों का नियमित निरीक्षण करने एवं कमियां पाए जाने पर समय से दूर करने के कारण ऐसा संभव हो पाया है।

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