भाजपा नेता की मां-पत्नी ने SSP ऑफिस पर दिया धरना

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पांच घंटे तक बैठी रहीं दोनों, खोली पुलिस की पोल
मेरठ। मेरठ के परीक्षितगढ़ में हुए हादसे में गौरव और वंश निवासी खजूरी की मौत के मामले में नामजद बिजनौर के भाजपा नेता प्रिंस चौधरी पर 25 हजार का इनाम घोषित होने पर उनकी मां सत्यवती और पत्नी अंशु ने एसएसपी ऑफिस पर पांच घंटे तक धरना दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस उनके परिवार पर अत्याचार कर रही है। राजनीति के तहत यह मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्रिंस की एक आंख खराब है और दूसरी से 30 फीसदी दिखता है। वह गाड़ी नहीं चला सकते, ड्राइवर गाड़ी चला रहे थे। इसके बावजूद पुलिस ने गलत तरीके से उन्हें नामजद किया।
बता दें कि 30 जनवरी 2023 को खजूरी गांव निवासी गौरव त्यागी और वंश त्यागी स्कूटी से परीक्षितगढ़ सामान लेने जा रहे थे। वहीं, परीक्षितगढ़ से फॉरर्च्यूनर और थार गाड़ी में सवार भाजपा नेता प्रिंस चौधरी, हिमांशू चौधरी निवासी बिजनौर सहित अन्य लोग खजूरी गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे थे।
आरोप है कि दोनों वाहनों की टक्कर से इन युवकों की मौत हो गई थी। इस मामले में प्रिंस और हिमांशु को नामजद किया गया। इनके नाम वाहनों का रजिस्ट्रेशन बताया गया। मंगलवार को एसएसपी ने प्रिंस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया। बुधवार को परीक्षितगढ़ पुलिस ने मुनादी भी कराई।
इसके चलते प्रिंस की मां सत्यवती, पत्नी अंशु चौधरी परिवार के अन्य लोगों के साथ बुधवार दोपहर एक बजे एसएसपी ऑफिस पर पहुंची। अधिकारी न मिलने पर दोनों सास-बहू वहीं धरना देकर बैठ गई।
अंशु चौधरी ने बताया कि उनके पति की एक आंख खराब है और वह गाड़ी नहीं चला सकते। गाड़ी ड्राइवर चला रहे थे। पुलिस ने उनसे कई घंटे पूछताछ की। फॉरर्च्यूनर और थार गाड़ी उन्होंने खुद ही पुलिस को सौंपी। इसके बावजूद पुलिस ने प्रिंस को नामजद करके इनाम घोषित कर उनकी छवि धूमिल कर दी। एसपी देहात अनिरूद्ध सिंह ने जांच करने का आश्वासन दिया है। शाम पांच बजे परिवार यहां से लौट गया।
प्रिंस की मां सत्यवती ने परीक्षितगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस वालों ने फोन कर उनसे कहा कि तुम लोग घर पर ताला लगाकर चले जाओ, हम दबिश देने आ रहे हैं। दो-तीन दिन में मामला ठंडा हो जाएगा। बैठकर समझौता करा देंगे, घबराने की जरूरत नहीं है। पुलिस लगातार उनके संपर्क में थी। इसके बावजूद इनाम और घर पर मुनादी कराई गई।
पत्नी अंशु ने कहा कि पुलिस किसके कहने पर ऐसा कर रही है, यह बात उनकी समझ से परे है। बड़े अपराधियों पर तो पुलिस इनाम नहीं करती, लेकिन सड़क हादसे के मामले में तुरंत इनाम कर दिया।
प्रिंस की मां और पत्नी धरने पर बैठी रहीं, जबकि परिवार के अन्य लोग कभी आईजी तो कभी एडीजी मेरठ जोन कार्यालय में अधिकारियों से मुलाकात करने के लिए भटकते रहे। दिनभर यह सिलसिला चलता रहा।

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