आजमगढ़ : विश्व कैंसर दिवस : भेदभाव से नहीं, जागरुकता व सहयोग से दूर होगा कैंसर-सीएमओ

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नशा से दूरी, योगा एवं साफ सफाई पर दें ध्यान
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर शनिवार को जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर मंडलीय चिकित्सालय से निकाली गई जागरूकता रैली को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० आई एन तिवारी ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य आम लोगों को कैंसर के खतरों के बारे में जागरुक करने के साथ ही इसके लक्षण की जानकारी देकर इससे बचाव के लिए लोगों को प्रेरित करना है। उन्होने कहा कि कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि कैंसर छूने से भी फैलता है, जिसके कारण लोग कैंसर के रोगियों से भेदभाव करते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि यह धारणा पूरी तरह गलत है। तंबाकू, सिगरेट, पान एवं शराब जैसे नशीली पदार्थ के सेवन से यह बीमारी होती है। ऐसे में जागरूक रहें व दूसरों को भी जागरूक करें। इसके लिए नशे से दूर रहें, योगा एवं साफ सफाई पर ध्यान दें।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा० उमाशरण ने कहा कि हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इसके तहत जागरूकता अभियान में जिले के सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को कैंसर से बचाव के विषय में जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला, पुरुषों में ल्यूकेमिया (खून का कैंसर) की शिकार ज्यादा हो जाती हैं स महिलाओं में ल्यूकेमिया का प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा होता है। ल्यूकेमिया के साथ ही कई प्रकार के कैंसर का खतरा होता है। लंग कैंसर के कारण सीने में होने वाला दर्द कंधे और बांहों में भी बना रहता है। महिलाओं में अधिकांश समस्या होती हैं माहवारी में अत्यधिक दर्द होना, असमय खून का स्त्राव होना, इसके लक्षण हैं। इसके अलावा स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, पेट का कैंसर, ब्लड कैंसर, गले का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, अंडाशय का कैंसर भी होते हैं। पुरुषों में प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथि) कैंसर, मस्तिष्क का कैंसर, लिवर (यकृत) कैंसर, बोन कैंसर, मुंह का कैंसर और फेफड़ों का कैंसर पाए जाते है। डा० शरण ने कहा कि आजकल लोग बाजार के खानपान पर ज्यादा निर्भर हैं। डिब्बाबंद खाद्य या पेय पदार्थों में केमिकल की मात्रा काफी अधिक होती है।इसलिए कोल्डड्रिक, सॉस या पैक्ड जूस के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
कैंसर के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके लक्षण हैं जैसे अत्याधिक थकान होना, बेवजह वजन घटना, कमजोरी आना, फोड़ा या गांठ होना, कफ और सीने में दर्द होना, कूल्हे या पेट में दर्द होना, पीरियड्स में तकलीफ होना, माहवारी में अत्यधिक दर्द होना, माहवारी में असमय खून का स्त्राव होना जैसे लक्षण नजर आने पर डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। कैंसर से बचाव के लिए सबसे से जरूरी है कि धूम्रपान,नशीले पदार्थ का इस्तेमाल जैसे गुटखा, तंबाकू, शराब सहित अन्य नशीले पदार्थ का सेवन न करें। पौष्टिक भोजन खायें साथ ही नियमित योग, प्राणायाम करें। नशीले पदार्थ के जद से बाहर आने व बचाव के लिए नजदीकी केन्द्रों पर काउंसलिंग व इलाज कि सुविधा भी दी जाती है। कार्यक्रम में डा० परवेज अख्तर, डा० बीपी सिंह, दिलीप मौर्या, जगदीश मौर्या एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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