आजमगढ़ : आरोपी लेखपाल को मिली जांच की जिम्मेदारी, कैसे मिलेगा पीड़ित को न्याय

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पीड़ित ने कहा बकरा का फैसला कसाई के हाथ तो न्याय बकरे को मिलेगा कैसे
रिपोर्ट-आरपी सिंह
आजमगढ़। सरकार की न्याय प्रणाली पर सवाल तो उठते रहते हैं, लेकिन सरकारी नुमाइंदे सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं। हैरानी तो इस बात की कि बगैर सुनवाई किए पीड़ित को उसके मामले को निस्तारित किए जाने का मैसेज भेज दिया जा रहा है कि मजबूर होकर पीड़ित को न्यायालय की शरण में जाना पड़ रहा है। फूलपुर तहसील क्षेत्र में एक ऐसा ही मामला सामने आया है कि पीड़ित ने अपने मामले में जिसे दोषी मान उसकी शिकायत की है उसे ही मामले की जांच कर निस्तारण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। क्या इस मामले में पीड़ित को न्याय कभी मिल पाएगा यह समझना मुश्किल है। बात हो रही है फूलपुर तहसील क्षेत्र के माहुल नगर पंचायत निवासी सैयद मोहम्मद मेंहदी पुत्र स्व० सैयद मोहम्मद सफी की। पीड़ित पक्ष द्वारा संपूर्ण समाधान दिवस पर शिकायत दर्ज कराई गई कि क्षेत्रीय लेखपाल एवं दबंग भू- माफिया की मिली भगत से फर्जी तरीके से एक ही दिन वरासत कर उसी दिन उक्त भूमि की रजिस्ट्री करा ली गई है। पीड़ित की शिकायत पर उसकी बात सुनने के साथ ही इस प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का संबंधित को निर्देश दिया गया जिसकी शिकायत सन्दर्भ सख्या 30096823000070 पीड़ित पक्ष को बताया गया। रोचक मामला यह कि इस मामले में तहसील अधिकारियों द्वारा उसी लेखपाल से जांच कराई गई जिसके खिलाफ पीड़ित ने शिकायत की है। इस प्रकरण में दर्ज की गई फर्जी वरासत को सही बता कर लेखपाल द्वारा आख्या रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। जिसका आनलाइन जबाब प्राप्त करने के उपरांत पीड़ित सैयद मोहम्मद मेंहदी ने एक शिकायती पत्र केंद्रीय गृह मंत्री के साथ ही अल्पसंख्यक आयोग, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार सहित तहसील एवं जिला स्तरीय अधिकारियों को रजिस्टर्ड पत्र के माध्यम से दी। जिसमें पीड़ित ने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय लेखपाल ने भूमाफियाओं से मिलीभगत कर तमाम फर्जी कार्य किया है जिसकी लंबी फेहरिस्त है। नाजायज तरीके से आर्थिक लाभ अर्जित करने वाले लेखपाल की पकड़ व पहुंच का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है तीन वर्ष की अवधि गुजर जाने के बावजूद वह पांच वर्षों से माहुल क्षेत्र में तैनात हैं। इस राजस्व कर्मी के खिलाफ इसी तहसील क्षेत्र के जौमा मण्डल में तैनाती के दौरान नियम विरुद्ध भूमि आवंटन करने को लेकर कार्यवाही हो चुकी है। इनके खिलाफ कई अन्य शिकायतों की जांच तहसील प्रशासन की कृपा से ठंडे बस्ते में पड़ी है। इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी फूलपुर नरेंद्र कुमार गंगवार से पूछने पर बताया गया कि अगर ऐसा मामला है तो पुनः नायब तहसीलदार स्तर से जांच कराई जाएगी। शिकायत सही पायी गयी तो रिपोर्ट जिलाधिकारी के साथ ही शासन को भेज दी जाएगी।

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